November 14, 2025
HaryanaPanipat

रक्तदान शिविर की 14 दिन पहले लेनी होगी अनुमति, बिना अनुमति के शिवर लगाया तो होगी कार्रवाई

रक्तदान शिविर की 14 दिन पहले लेनी होगी अनुमति, बिना अनुमति के शिवर लगाया तो होगी कार्रवाई

हरियाणा उत्सव, पानीपत/ बीएस बोहत

-पानीपत में जनवरी-फरवरी में 11 ऐसे रक्तदान शिविर मिले थे, जो बिना अनुमति से लगाए गए थे। इन शिविर में बाहर की टीमें आकर रक्त भी ले गई थी। करीब 1100 यूनिट पानीपत का यहां से दिल्ली-यूपी जैसे प्रदेशों में गया था। इसके बाद सभी जिले में लाल रक्त के काले कारोबार की आशंका जताई थी। अब काले कारोबार को रोकने के लिए हरियाणा राज्य रक्त संचेरण परिषद और राज्य ड्रग कंट्रोलर नियंत्रक ने नकेल कसनी शुरू कर दी हैं। इसके लिए बीती 16 अप्रैल को ही नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं।

रक्तदान शिविर लगाने के लिए संस्था, प्राइवेट ब्लड सेंटर, रेडक्रॉस सोसायटी या कोई भी सामाजिक संस्था हो उसे शिविर लगाने के लिए 14 दिन पहले अपने जिले के सिविल सर्जन से अनुमति लेनी होगी। चाहे वो बाहर की टीमें हैं या बाहर का कोई भी क्लब हैं। इसमें सिविल सर्जन अनुमति देने के लिए बाध्य नहीं होगा। सबकुछ सही पाने पर ही वह अनुमति देगा। इतना ही नहीं अब प्राइवेट ब्लड सेंटर को एफिडेविट देना होगा कि वो किसी से रक्त के बदले रक्त नहीं लेगा। अगर ऐसे लेते हुए पाया गया तो सख्त कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।

प्राइवेट ब्लड सेंटर वाले रिप्लेसमेंट ब्लड नहीं ले सकते : डॉ. संजय वर्मा

करनाल क्षेत्रीय रक्त संचार अधिकारी डॉ. संजय वर्मा ने बताया कि प्रदेश में तीन क्षेत्रीय रक्त संचार अधिकारी हैं। इसमें करनाल, हिसार और फतेहाबाद। ये अधिकारी हर तीन महीने में चेकिंग करेंगे। ब्लड की गुणवत्ता की जांच करेंगे। एफिडेविट देना होगा कि वो किसी से बदले में रक्त नहीं लेंगे। रक्तदाताओं को अपने शिविर में लुभाने के लिए किसी भी तरह का महंगा गिफ्ट या वित्तिय लेन देन नहीं कर सकता। इससे रक्तदाताओं की गरिमा बनी रहेगी। मरीजों को अच्छा व समय पर ब्लड मिलेगा।

क्या-क्या हैं नई गाइडलाइन

-संस्थाओं को या प्राइवेट ब्लड सेंटरों को शिविर लगाने से 14 दिन पहले अनुमति लेनी होगी।
-हर ब्लड बैंक को लिखित में सिविल सर्जन से अनुमति लेनी होगी।
-सिविल सर्जन अनुमति देने के लिए बाध्य नहीं हैं।
-जिले के रक्तदान स्टॉक, इमरजेंसी की खपत देखी जाएगी, इसके बाद जरूरत पाने पर अनुमति दी जा सकती है।
-सिविल सर्जन देंखेंगे कि कहां शिविर लग रहा है, ब्लड सेंटर से कितनी दूर है।
-ब्लड सेंटर का लाइसेंस देखा जाएगा, नाम, पता, स्टाफ की लिस्ट और उनकी शिक्षा।
-उसकी स्टॉक मात्रा देखी जाएगी, बाहर की टीमें न आए ये सब पाए जाने के बाद अनुमति दी जा सकती है।
-अनुमति मिलने के बाद आयोजक उस अनुमति पत्र को बैनर पर लगाएगा।
-तीन सदस्यों की कमेटी, रेडक्रॉस सचिव, ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर और एक सरकारी डॉक्टर निरीक्षण करेगा।

Source- https://www.bhaskar.com/

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