November 15, 2025
Gohana

आयुर्वेद को जानने के लिए संस्कृत का ज्ञान जरूरी: प्रो. रघुराम भट्ट

फोटो- प्रो. रघुराम भट्ट को अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत करते हुए माडू सिंह मेमोरियल आयुर्वेद संस्थान के प्राचार्य प्रो. महेश दाधीच।

आयुर्वेद को जानने के लिए संस्कृत का ज्ञान जरूरी: प्रो. रघुराम भट्ट

हरियाणा उत्सव: गोहाना

भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां के माडू सिंह मेमोरियल आयुर्वेद संस्थान में माध्यमिक पाठ्यक्रम से उच्चतर पाठ्यक्रम में प्रवेश कर रही बीए एम एस प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए 11 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल तक चलने वाले 15 दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम में आयुर्वेद की भारत सरकार में सर्वोच्च संस्था नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) के मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्र्ड भारतीय सिस्टम मेडिसिन (एमएआरबीआईएसएम) नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. रघुराम भट्ट बतौर मुख्य वक्ता छात्राओं को सम्बोधित किया।

प्रो. रघुराम भट्ट ने कहा कि आयुर्वेद हमारी सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद को जानने के लिए संस्कृत का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भी सबसे प्राचीन भाषा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पीछे चलना वाला नहीं है नेत्र्तव करने वाली पद्धती है। प्रो भट्ट ने कहा कि आयुर्वेद में महारथ हासिल करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता तथा समपर्ण का भाव बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाषा के संपूर्ण ज्ञान के लिए उसे ध्यान पूर्वक सुनना, उस भाषा का उच्चारण, उसको पढऩे की क्षमता तथा उसे लिखने में शुद्धिकरण है। हमारे चारों वेदों में संस्कृत का ही उल्लेख है। भविष्य में संस्कृत का महत्व अधिक बढ़ेगा। इस मौके पर प्रो. सरला, डा. एपी नायक, डा. विवेक अग्रवाल, डा. महेश कौशिक, डा. ममता, डा. माधवी सीठा, डा. पवन पंघाल आदि मौजूद रहे।

Related posts

लाल बहादुर शास्त्री व गांधी की जयंती पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित

Haryana Utsav

IAS Vivek Arya: 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी युवक-युवतियों की वोट बनाना सुनिश्चित करें

Haryana Utsav

-बदले गए श्रम कानूनों को रद्द करने की मांग

Haryana Utsav
error: Content is protected !!