करवा चौथ पर रात 8:05 बजे रहेगा चंद्रोदय का समय
हरियाणा उत्सव: करवा चौथ पर इस बार पांच साल बाद यह शुभ संयोग बन रहा है कि रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ के व्रत की पूजा की जाएगी। रोहिणी नक्षत्र सुहाग संबंधी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। रविवार को व्रत होने से भी सूर्यदेव का शुभ प्रभाव भी इस व्रत पर रहेगा। सुहागिनों द्वारा करवा चौथ व्रत करने से न सिर्फ पति की आयु लंबी होती है बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सुहाग के व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और परिवार संकट से दूर रहता है। करवा चौथ में महिलाएं पूरा दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद व्रत खोलती हैं। इस दिन माता पार्वती, शिवजी और कार्तिकेय का पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
करवा चौथ के दिन महिलाएं इस प्रकार करें पूजन : सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें।
करवा चौथ पर महिलाएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपए आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करें। एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर रखें और घी का दीपक जलाएं। पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरू कर देनी चाहिए।
इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं। पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुने या सुनाएं। चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए।
करवा चौथ पर पूजन करने का ये रहेगा समय
पंडित पष्ठी बल्लभ पांडेय ने बताया कि कथा के लिए उत्तम समय दाेपहर डेढ़ बजे से 3 बजे तक रहेगा। फिर मध्यम रहेगा शाम को 5 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 54 मिनट तक श्रेष्ठ समय रहेगा। चंद्रोदय का समय 8 बजकर 5 मिनट रहेगा। महिलाएं चंद्र को अर्घ्य करते समय थोड़ा दूध और चावल डालकर सफेद फूल डालकर जल दे।