November 15, 2025
Delhi

जानिए: 113 साल पहले पृथ्‍वी पर कहां गिरा था विशालकाय उल्का पिंड

30 जनू 1908 को गिरा था विशालकाय उल्का पिंड

हरियाणा उत्सव, बीएस बोहत
नई दिल्ली:

यह जबर्दस्‍त घटना एक विशाल एस्‍टेरॉयड (उल्‍का पिंड) की पृथ्‍वी से टकराने की थी। इस टक्‍कर में जमीन में 8 किमी गहरा गड्ढा हो गया। यह जगह सौ से अधिक साल से बंजर पड़ी है। आज भी यहां एक भी पेड़ नहीं उग पाया है। इसे इतिहास की सबसे बड़ी एस्‍टेरॉयड टकराने की घटना माना जाता है। यह घटना 30 जून, 1908 को रूस के तुंगुस्‍का में हुई थी जो खगोलीय एवं अंतरिक्ष की दुनिया में तुंगुस्‍का इवेंट के नाम से ख्‍यात है। इतना ही नहीं, विश्‍व में इस दिन को वर्ल्‍ड एस्‍टेरॉयड डे के नाम से मनाया जाने लगा। वह कयामत की सुबह थी। लोगों ने धरती पर ही सूर्य के समान बेहद तेज, चमकीली रोशनी देखी। दस मिनट बाद जोरदार धमाके की आवाज आई। यह एक भीषण विस्‍फोट था। चश्‍मदीदों के अनुसार यह इतना जोरदार था कि जमीन किसी भूकंप के समान थर्रा उठी। सैकड़ों किलोमीटर दूर तक लोगों के घरों की खिड़कियां टूट गईं। ढाई हजार किलोमीटर के दायरे में 8 करोड़ पेड़ जड़ से उखड़ गए। ऐसा लगा मानो आसमान टूट पड़ा हो।

Ulka Pind
Ulka Pind

30 जून 1908 को (रूस में जूनिलन कैलेंडर के अनुसार 17 जून 1908) स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 07:17 बजे रूसी वासियों ने आकाश में चारों ओर घूमते हुए एक चमकीला प्रकाश देखा। कुछ देर बाद पाया कि एक बड़ा सा आग का गोला धरती की तरफ बढ़ रहा है। विस्फोट के करीब प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ध्वनि का स्रोत पूर्व से उत्तर की ओर चला गया। इसकी आवाज़ें एक झटके भरी लहर जैसी थी जिसने लोगों को हिला कर रख दिया। इस कंपन का जर्मनी, डेनमार्क, क्रोएशिया, यूनाइटेड किंगडम में भी पता चला।

उल्का पिंड धरती पर गिरते हुए
उल्का पिंड धरती पर गिरते हुए

रिक्‍टर स्‍केल पर इसकी तीव्रता 5 पाइंट मापी गई जो प्रभावशाली भूकंप के समान होती है। इस विस्‍फोट के अगले कुछ दिनों में, एशिया और यूरोप में रात के समय आसमान असमान्‍य हो गया था। लंबे समय तक धूल के गुबार ना छंट सके और पर्यावरण पूरी तरह प्रभावित रहा। यह एक ऐसी घटना थी जिसे 112 साल बाद भी सबसे प्रभावशाली प्राकृतिक व खगोलीय घटना माना जाता है।

जहां पर उल्का पिंड गिरा वहां पर एक सौ साल बाद भी कोई पौधा नहीं
जहां पर उल्का पिंड गिरा वहां पर एक सौ साल बाद भी कोई पौधा नहीं

वर्ष 2013 में भी एक एस्‍टेरॉयड Russia में शाम के वक्‍त आसमान में साफ तौर पर देखा गया था। जब यह गुज़र गया तो पीछे धुंए का कई किलोमीटर लंबा, घना और सफेद, चमकदार बादल नज़र आया। यह हैरान करने के साथ ही घबरा देने वाली घटना थी। यह घटना रूस Russia के Chelyabinsk में 15 फरवरी, 2013 को घटी थी। तब रास्‍ते में गाड़ी चला रहे लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे में इस घटना को शूट भी किया था। पूरे इलाके में अलग-अलग जगहों से लोगों ने इस दृश्‍य को शूट किया और इंटरनेट पर वायरल कर दिया थ।

Source- https://www.naidunia.com

 

Related posts

राफेल डील में 65 करोड़ की घूस:फ्रेंच पोर्टल का दावा- डसॉल्ट ने 36 जेट बेचने के लिए दी रिश्वत; दस्तावेज के बावजूद CBI-ED ने जांच नहीं की

Haryana Utsav

भारत की मदद के लिए आगे आया ब्रिटेन, जल्द भेजेगा इतने वेंटीलेटर

Haryana Utsav

JNU: रुस में जन्मी प्रोफेसर शांतिश्री के हाथों में जेएनयू की कमान

Haryana Utsav
error: Content is protected !!