भारतीय नौसेना का पहला विध्वंसक जहाज ‘INS राजपूत’ 41 साल बाद हुआ रिटायर, कई बड़े ऑपरेशन में रहा शामिल
हरियाणा उत्सव, बीएस बोहत
भारतीय नौसेना (Indian Navy) के पहले विध्वंसक आईएनएस राजपूत (INS Rajput) को 41 साल की सेवा के बाद शुक्रवार को रिटायर हो गया. तत्कालीन यूएसएसआर की ओर से बनाए गए काशीन-श्रेणी के प्रमुख जहाज को 4 मई, 1980 को कमीशन किया गया था. मौजूदा समय में कोरोना के फैले प्रकोप को देखते हुए आईएनएस राजपूत के रिटायर होने पर विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में एक छोटा समारोह रखा गया, जिसमें केवल केवल इन-स्टेशन अधिकारी और नाविक शामिल हुए. इस दौरान कोरोना जुड़े प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया.
देश को सुरक्षित रखने के लिए इस जहाज ने कई महत्वपूर्ण अभियानों में हिस्सा लिया है. आईएनएस राजपूत का निर्माण निकोलेव (वर्तमान यूक्रेन) में 61 कम्युनार्ड्स शिपयार्ड में उनके मूल रूसी नाम ‘नादेजनी’ के तहत किया गया था, जिसका मतलब ‘होप’ बताया गया है. जहाज की नींव 11 सितंबर 1976 को रखी गई थी. इसके बाद इसे 17 सितंबर, 1977 को लॉन्च कर दिया गया था. बताया गया है कि जहाज को INS राजपूत के रूप में 04 मई 1980 को पोटी, जॉर्जिया में भारत के तत्कालीन राजदूत आईके गुजराल द्वारा कमीशन किया गया था और कैप्टन गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी इसके पहले कमांडिंग ऑफिसर थे. राष्ट्र के लिए अपनी चार दशकों की शानदार सेवा के दौरान, जहाज को पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े में सेवा देने का गौरव प्राप्त है.
INS Rajput ने इन ऑपरेशन में लिया भाग
जहाज का आदर्श वाक्य “राज करेगा राजपूत” था और राष्ट्र को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कई ऑपरेशन में भाग लिया. इनमें से IPKF की सहायता के लिए श्रीलंका में ऑपरेशन अमन, श्रीलंका के तट पर गश्ती कर्तव्यों के लिए ऑपरेशन पवन, मालदीव से बंधक स्थिति को हल करने के लिए ऑपरेशन कैक्टस और लक्षद्वीप से ऑपरेशन क्रॉसनेस्ट शामिल हैं.
INS राजपूत ने कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया
इसके अलावा, जहाज ने कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया. यह जहाज भारतीय सेना रेजिमेंट- राजपूत रेजिमेंट से संबद्ध होने वाला पहला भारतीय नौसेना जहाज भी था. शानदार 41 सालों की सेवा के दौरान जहाज के टॉप पर 31 कमांडिंग ऑफिसर (CO) थे. 14 अगस्त 2019 को अंतिम CO ने जहाज का कार्यभार संभाला था. रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि नौसेना के ध्वज और कमीशनिंग पेनेंट को आखिरी बार आईएनएस राजपूत पर उतारा जाएगा, जो डीकमिशनिंग का प्रतीक है.