December 22, 2024
Delhi

सुशील कुमार की एक पहलवान की हत्या के मामले में क्यों है तलाश

सुशील कुमार की एक पहलवान की हत्या के मामले में क्यों है तलाश

हरियाणा उत्सव, नई दिल्ली

“हमने सब कुछ खो दिया है, कुछ भी नहीं बचा है, हमें उससे बहुत उम्मीद थी. इतनी कम उम्र में, मेरे भांजे ने परिवार और देश का नाम चमका दिया था. पर अब सब ख़त्म हो गया है.”- ये शब्द है पहलवान सागर राणा के मामा आनंद सिंह के. सागर राणा हाल ही में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों के दो गुटों में हुए झगड़े में मारे गए थे.

बीबीसी से फ़ोन पर बात करते हुए आनंद सिंह ने बताया कि सागर हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले थे, लेकिन कुश्ती के गुर सीखने के लिए उन्होंने 14 साल की उम्र में ही दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास करना शुरू कर दिया था. सागर के पिता दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के तौर पर काम कर रहे हैं. आनंद सिंह ने बताया कि सागर परिवार के सबसे बड़े बेटे थे और उनका छोटा भाई फ़िलहाल ऑस्ट्रेलिया में है. आनंद सिंह बताते हैं, “सागर की उम्र 23 साल थी और वे जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीत चुका था. इसके अलावा सागर कई देशों में खेल चुका था और उसका सपना ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतने का था.” आनंद सिंह कहते हैं कि सागर काफ़ी शर्मीले स्वभाव का था और वे अब तक ये नहीं समझ पा रहे कि सागर कैसे किसी लड़ाई में पड़ सकता है. परिवार पूरे मामले की जाँच के बाद दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. आनंद सिंह बताते हैं, “दिल्ली में लॉकडाउन के कारण सागर, स्टेडियम के बाहर एक कमरा लेकर रह रहा था और वो अस्पताल से अपनी पीठ की चोट का इलाज करवा रहा था. सब कुछ ठीक था पर अचानक हुई इस घटना ने परिवार को तोड़ कर रख दिया है.” पहलवान सागर राणा

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली पुलिस की एफ़आईआर नंबर 0218 (बीबीसी के पास FIR की कॉपी है) के अनुसार घटना 5 मई की है जिस दिन दिल्ली के मॉडल टाउन इलाक़े में मौजूद छत्रसाल स्टेडियम में दो पहलवानों के बीच झगड़ा हुआ था. इस झगड़े में कुछ पहलवान घायल हो गए थे. झगड़े में घायल होने वाले पहलवान को बीजेआरएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहाँ पर सागर नाम के एक नौजवान ने दम तोड़ दिया. मामला सहायक उप निरीक्षक जितेंद्र सिंह की पीसीआर कॉल के आधार पर दर्ज किया गया है. एफ़आईआर के मुताबिक़ पुलिस ने प्राथमिक जाँच में पाया कि सुशील कुमार और उसके साथियों ने घटना को अंजाम दिया है. सुशील कुमार दो बार के ओलंपिक पदक विजेता हैं और फ़िलहाल वह लापता हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील के ख़िलाफ़ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया है और उनकी तलाश की जा रही है. एफ़आईआर के अनुसार पुलिस ने घटनास्थल पर बरामद वाहनों में से कुछ असलाह और लाठी बरामद की है. दिल्ली के रहने वाले सुशील कुमार ने लगातार दो ओलंपिक पदक जीतकर भारतीय कुश्ती के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

कौन हैं सुशील कुमार?

भारतीय कुश्ती के क्षेत्र में, सुशील कुमार ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 66 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता और उस के बाद 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारतीय कुश्ती को विश्व स्तर तक पहुँचाया. बाद में, सुशील की सफ़लता अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी. विशेष रूप से, पहलवान योगेश्वर दत्त, गीता और बबीता फोगाट, बजरंग पूनिया, रवि पूनिया और अन्य पहलवानों ने सुशील के नक्शे-कदम पर चल कर कुश्ती में अपना-अपना नाम रोशन किया. सुशील न केवल खेल के मैदान पर बल्कि एक टीवी स्टार के तौर पर उत्पादों का विज्ञापन भी किया. छत्रसाल स्टेडियम में यह घटना ऐसे समय में हुई जब भारतीय पहलवान टोक्यो ओलंपिक में प्रवेश का जश्न मना रहे थे.

क्या कह रहा है रेसलिंग फेडरेशन?

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया भी इस घटना से दुखी है. बीबीसी से बात करते हुए, महासंघ के उपाध्यक्ष दर्शन लाल ने कहा कि खेल जगत, विशेषकर कुश्ती से जुड़े लोग इस घटना से आहत हैं. दर्शन लाल मानते हैं कि इस घटना से कुश्ती बदनाम ज़रूर हुई है, पहलवानों में आपस में थोड़ी बहुत नोक-झोंक होती रहती है पर इस तरह की घटनाएं नहीं होती थीं.

उन्होंने कहा कि सुशील घटना में शामिल है या नहीं यह जाँच का विषय है, लेकिन सब लोग इस वक्त दुखी है. उन्होंने कहा, “भगवान ही जानता है कि क्या हुआ कि नौबत यहाँ तक आ गई.”

source: bbc.com/hindi

Related posts

खेती हड़पने के लिए बनाए हैं कृषि कानून-सुरजेवाला

Haryana Utsav

भारत पर दबाव बनाये रखने को लेकर महामारी के दौरान चीन ने कराया LAC के पास गांव और सड़क का निर्माण कार्य, सैन्य ढांचा विकसित किया

Haryana Utsav

6 वर्षीय बेटे के सामने जयपुर की महिला कांस्टेबल ने DSP के साथ स्वीमिंग पूल में बनाए संबंध

Haryana Utsav
error: Content is protected !!