हरियाणा में 9 फसलों का बीमा, प्रीमियम राशि हुई तय, जानें किस फसल के लिए कितने रुपये देने होंगे
हरियाणा उत्सव, बीएस वाल्मीकन
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2021 में नौ फसलों का बीमा कराने का निर्णय लिया है। खरीफ सीजन में धान, मक्का, बाजरा व कपास तथा रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी की फसलों का बीमा किया जाएगा। फसल का बीमा करवाने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रखी गई है।
खरीफ सीजन में इस योजना के तहत किसानों को धान के लिए प्रति एकड़ 713.99 रुपये, मक्का के लिए 356.99 रुपये, बाजरा के लिए 335.99 रुपये और कपास के लिए 1732.50 रुपये प्रति एकड़ की दर से बीमा प्रीमियम देना होगा। रबी फसलों में किसानों को गेहूं के लिए प्रति एकड़ 409.50 रुपये, जौ के लिए 267.75 रुपये, चने के लिए 204.75 रुपये, सरसों के लिए 275.63 रुपये और सूरजमुखी की फसल का बीमा कराने के लिए 267.75 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम देना होगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि फसल की बीमित राशि धान के लिए 35 हजार 699.78 रुपये, मक्का के लिए 17 हजार 849.89 रुपये, बाजरे के लिए 16 हजार 799.33 रुपये तथा कपास के लिए 34 हजार 650.02 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। गेहूं के लिए बीमित राशि 27 हजार 300.12 रुपये, जौ के लिए 17 हजार 849.89 रुपये, चने के लिए 13 हजार 650.06 रुपये, सरसों के लिए 18 हजार 375.17 रुपये तथा सूरजमुखी की फसल के लिए बीमित राशि 17 हजार 849.89 रुपये प्रति एकड़ तय की गई है।
जेपी दलाल ने स्प्ष्ट किया कि यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। इसलिए यदि ऋणी किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे 24 जुलाई तक अपने बैंकों में लिखित आवेदन कर योजना से बाहर हो सकते हैं। यदि ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा तक अपने बैंक में आवेदन नहीं करते तो बैंक किसान की फसलों का बीमा करने के लिए स्वयं ही अधिकृत या बाध्य होंगे।
उन्होंने बताया कि गैर-ऋणी किसान ग्राहक सेवा केंद्र या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं। यदि कोई किसान पहले से नियोजित फसल को बदलता है तो उसे अंतिम तिथि से कम से कम दो दिन पहले यानी 29 जुलाई तक फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना होगा।