नई शिक्षा की नीति में क्या बदलाव किए
हरियाणा उत्सव, एजुकेशन
बुधवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैंठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। देश की शक्षिा नीति में 34 साल बाद बदलाव किए गए हैं। नई शक्षिा नीति में स्कूल बैग, प्री-प्राइमरी कक्षाओं से लेकर बोर्ड परीक्षाओं, रिपोर्ट कार्ड, यूजी दाखिले के तरीके, एमफिल तक बदला गया है।
नई शिक्षा की नीति में क्या बदलाव किए हैं
सभी स्कूलों में परीक्षाएं सेमेस्टर वाइज होंगी। कॉलेजों में सिलेबस को उसके कोर नॉलेज तक सीमित रखा जाएगा और प्रैक्टिकल व एप्लीकेशन वाले हिस्से ज्यादा फोकस किया जाएगा।
-विश्वविद्यालय अब के्रडिट सिस्टम पर काम करेंगी। विश्वविद्यालयों को क्रेडिट के आधार पर ग्रेड मिलेगा। जैसे ए ग्रेड की विश्वविद्यालय को ग्रेड-बी विश्वविद्यालय की तुलना में ज्यादा स्वायत्तता होगी।
-नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अब न सिर्फ साइंस बल्कि सोशल साइंस के प्रोजेक्ट्स की भी फंडिंग करेगा।
10+2 बोर्ड स्ट्रक्चर को खत्म कर दिया गया है। अब नया स्कूल स्ट्रक्चर 5+3+3+4 होगा। जिसके तहत 5वीं तक प्रि-स्कूल, 6वीं से 8वीं तक मिड स्कूल, 8वीं से 11वीं तक हाई स्कूल और 12वीं से आगे ग्रेजुएशन होगा।
-हर डिग्री चार साल की होगी। 6ठीं कक्षा से ही वोकेशनल कोर्सेज उपलब्ध होंगे और 8वीं कक्षा से ही छात्र अपने सब्जेक्ट का चुनाव कर पाएंगे।
-सभी ग्रेजुएशन कोर्स में ‘मेजर और ‘माइनर का डिवीजऩ होगा। जैसे साइंस का स्टूडेंट फिजिक्स को मेजर सब्जेक्ट और म्यूजिक को माइनर सब्जेक्ट के रूप में चुन पाएगा. साथ ही किसी भी सब्जेक्ट को चुना जा सकेगा।
-यूजीसी एआईसीटीई को मर्ज किया जाएगा और सभी हायर एजुकेशन को एक ही अथॉरिटी गवर्न करेगी।
सरकारी, प्राइवेट, ओपन, डीम्डी या दूसरी हर तरह के विश्वविद्यालय पर एक ही तरह के ग्रेडिंग व दूसरे नियम लागू होंगे।
-सभी तरह के टीचर्स के लिए नया टीचर ट्रेनिंग बोर्ड स्थापित होगा।