चंद्रशेखर आजाद ने दिया था आजाद था आजाद हूं और आजाद ही रहूंगा का नारा
हरियाण उत्सव, गोहाना (भंवर सिंह)
गोहाना की पुरानी सब्जी मंडी के समीप चंद्रशेखर आजाद पार्क में चंद्रशेखर आजाद की 118 वी जयंती मनाई । मुख्य वक्ता आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी रहे। दांगी ने कहा अपने हौसलों से अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने वाले अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद हमेशा कहते थे । भारत की फिजाओं में सदा आबाद रहूंगा आजाद था आजाद हूं और आजाद ही रहूंगा क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 1906 में आज ही मध्य प्रदेश के भावरा गांव में हुआ था। 14 वर्ष की आयु में असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए । बाद में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुडक़र क्रांतिकारी गतिविधियों के खर्चों को पूरा करने के लिए सरकारी संपत्तियों को लूटना शुरू कर दिया।
उन्होंने काकोरी ट्रेन डकैती जेपी सांडर्स की हत्या जैसी कई घटनाओं का को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। जयंती समारोह की अध्यक्षता पार्क सुधार सभा के पूर्व अध्यक्ष रमेश मेहता ने की।
उन्होंने कहा आजाद जब पहली बार अंग्रेजों की कैद में आए तो उन्हें 15 कोडो की सजा दी गई थी। जज ने उनका नाम पूछा तो पूरी दृढ़ता से उन्होंने कहा आजाद पिता का नाम पूछने पर जोर से बोले स्वतंत्रता मां का नाम पूछने पर उन्होंने कहा भारत मेरी माता है और पता पूछने पर उन्होंने कहा जेल जब उन पर कोडे बरस रहे थे तो वह वंदे मातरम का उद्घोष कर रहे थे। 27 फरवरी 1931 को अंग्रेजों के साथ मुठभेड़ में घायल होने पर उन्होंने अपने रिवाल्वर की आखिरी गोली खुद को मार कर देश के लिए कुर्बान हो गए। जयंती समारोह में डॉक्टर ललित ,विक्की वधवा, सुरेंद्र परूथी ,रणधीर नागर, अर्जुन बजाज ,सुरेश फौजी ,पवन बावा, नरेंद्र शर्मा, जगदीश कथूरिया, कृष्ण शर्मा तथा मनोज शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।