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मां घर-घर बनाती थीं रोटियां- बेटे ने कोरियर ब्वॉय की नौकरी करते हुये पास कर ली UPSC परीक्षा

मां घर-घर बनाती थीं रोटियां- बेटे ने कोरियर ब्वॉय की नौकरी करते हुये पास कर ली UPSC परीक्षा

हरियाणा उत्सव,गोहाना:

वृक्ष हों भले खड़े हों घने हों बड़े, एक पत्र छांह भी मांग मत मांग मत। मजबूत इच्छाशक्ति को बयां करती यें पंक्तियां जब सच हो जाती हैं तो मानों लिखने वाले का लिखना ही सार्थक हो जता है। यही पंक्तियां दिल्ली के बेहद ही पिछड़े माने जाने वाले इलाके त्रिलोक पुरी में रहने वाले अश्विनी कुमार के जीवन पर सटीक बैठती है। जिनके जीवन में समस्याएं तो शुरू से रहीं लेकिन उन्होंने और उनके परिवार ने कभी किसी से कोई मदद नहीं मांगी।

किराए के घर में रहने वाले अश्विनी के परिवार में एक अनपढ़ मां हैं जिन्होंने घर घर खाना बनाने वाली मेड के रूप में काम कर घर खर्च चलाया। पिता अक्सर बीमार रहते हैं। घर खर्च चलाने के लिए बेटे ने पढ़ाई करते हुए कोरियर कंपनी में काम किया। इन सब के बाद उसने मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा और आखिरकार 2016 में 22 साल के अश्विनी को यूपीएससी परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता मिली।
अश्विनी और उनका परिवार दिल्ली के त्रिलोकपुरी का रहने वाला है, जो कि एक अविकसित क्षेत्रों में गिना जाता है। अश्विनी ने अपनी शिक्षा दिल्ली के सरकारी स्कूल से ही पूरी की है। अश्विनी के पिता मिस्त्री हैं लेकिन अक्सर बीमार रहने के कारण उन्होंने काम छो़ड़ दिया ऐसे में जिम्मेदारियों का बी़ड़ा उठाया अश्विनी की मां ने और घर घर मेड के रूप में काम कर पैसा कमाना शुरू किया। इसके साथ ही अश्विनी ने 12वीं पास करने के बाद एक कोरियर कंपनी में पार्ट टाइ्म काम करते हुए अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल नहीं था क्योंकि पिता पांचवी पास और मां भी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। इसलिए अश्विनी को 12वीं तक ये पता ही नहीं था कि उन्हें करना क्या है।
12वीं के बाद उनके सगे संबंधी कहते कि पोलीटेक्निक या आटीआई से डिप्लोमा और नौकरी में लगो। लेकिन अश्विनी के स्कूली शिक्षकों ने बताया कि इस तरह कि एक परीक्षा होती है, जिसमें हिंदी मीडियम के छात्र भी अच्छा कर सकते हैं। उनकी सलाह पर अश्विनी ने आगे ग्रेजुएशन करने की सोची। उन्होंने दिल्ली विस्विद्यालय के महाराजा अग्रसेन से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास कर लिया। उनकी ऑलओवर 798वीं रेंक रही। हालांकि अब वो अपनी ड्यूटी करते हुए फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गए हैं ताकि रेंक सुधार कर और ऊंची पोस्ट हासिल की जाए। क्योंकि ये तो उनका पहला ही प्रयास था।

Source-  livebavaal.com

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