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 सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर यूपीएससी ने जताई आपत्ति

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 सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर यूपीएससी ने जताई आपत्ति

हरियाणा उत्सव/ डेस्क

सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 2021 में पास होने के बाद कोविड संक्रमित होने से मुख्य परीक्षा में शामिल न हो पाने वाले अभ्यर्थियों की उच्चतम न्यायालय में पंजीकृत याचिका पर संघ लोक सेवा इनकमोग (उत्तर प्रदेशएससी) ने आपत्ति जताई है. उसने कहा, यदि अभ्यर्थियों को अलावा मौका दिए, तो इसके व्यापक असर होंगे.

अभी चल रही, आगे होने वाली और अन्य इम्तिहानओं के कार्यक्रमों में अव्यवस्था बन सकती है. कोई भी परीक्षा समय पर पूरी नहीं हो पाएगी. इनकमोग ने हलफनामा देकर कहा, याचिका पर सुनवाई के दौरान कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग का पक्ष भी लेना चाहिए. समय पर अधिकारियों की नियुक्ति, रिक्तियां भरना, अहम पदों पर तैनाती संवेदनशील मसले हैं. वैसे भी कुछ छूट के साथ 21 से 32 वर्ष तक के अभ्यर्थी छह बार सिविल सेवा परीक्षा दे सकते हैं. एक मौका छूटने पर भी यह व्यवस्था पहले से अभ्यर्थियों को उचित मौका देती है. लेकिन दोबारा परीक्षा करवाई तो सारी व्यवस्था ही पटरी से उतर जाएगी. कुछ अभ्यर्थियों को राहत देने में व्यापक जनहित का हानि हो सकता है. यह है याचिका प्रारंभिक परीक्षा पास तीन अभ्यर्थी कोविड संक्रमित होने से मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे. लिहाजा उन्होंने मुख्य परीक्षा के लिए अलावा मौका मांगा है.

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