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जीडीपी का दस प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करे सरकार

-दवाओं पर कालाबाजारी रोकने में सरकार फेल

-आक्सीजन की कमी से मरने वालों को 25 लाख रुपये मुआवजा मिले।

हरियाणा उत्सव, गोहाना

जन संघर्ष मंच हरियाणा, जन चेतना मंच व समतामूलक महिला संगठन के प्रतिनिधियों ने कोरोना नियमों और सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन  करते हुए बैठक का आयोजन किया। कोरोना महामारी के दौरान दवाओं पर हो रही कालाबाजारी को रोकने की मांग की।

मंच के संस्थापक डा. सीडी शर्मा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में लोग डरे हुए कि कोरोना संक्रमण होने पर कहां पर इलाज करवाएं। सरकार को लाकडाउन के दौरान गरीब लोगों की आर्थिक सहायता का भी प्रबंध करना चाहिए। सरकार आक्सीजन और दवाओं की कालाबाजारी को रोकने में विफल है। उन्होंने पूछा की पीएम केयर फंड को पैसा कहां पर खर्च होता है। आक्सीजन की कमी के चलते होने वाली मौतें सरकार द्वारा किए गए कुप्रबंधन का कारण है। पूंजीपति लोगों के मुनाफे के लिए सरकार प्रबंध करती है।

मंच के उपाध्यक्ष नरेश विरोधिया ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण होना चाहिए। स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाया जाए। सभी अस्पतालों में आक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू व दवाओं का नि:शुल्क प्रबंध करना चाहिए।

आक्सीजन की कमी के चलते मरने वालों के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी पर रोक लगे। घरों में आइसोलेट लोगों के लिए आक्सीजन का प्रबंध होना चाहिए। फ्रंट लाइन में काम करने वालों के लिए सुरक्षा उपकरण मुहैया हो।

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