मत्स्य पालक किसानों के बनाए जाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड
-आरएएस तकनीक को अपनाकर किसान कम खर्च कर कमा सकता है अधिक मुनाफा
हरियाणा उत्सव,सोनीपत,
मत्स्य विभाग के निदेशक प्रेम सिंह मलिक ने कहा कि मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक स्कीम चलाई गई है जिनमें हाल ही में सरकार द्वारा मत्स्य पालकों के लिए तीन लाख रूपये तक का सस्ते ब्याज दर पर किसान क्रेडिट बनाए जा रहे हैं। मलिक सोमवार को गांव जाहरी में स्थित अंतराम फिशरिज प्राईवेट लिमिटिव द्वारा मत्स्य पालन में अपनाई गई आरएएस(रिसिरक्यूलट्री एग्रीकल्चर सिस्टम) तकनीक यूनिट के निरीक्षण के दौरान उपस्थित मत्स्य पालकों को संबोधित कर रहे थे।
निदेशक ने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसान आरएएस तकनीक को अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि इस विधि में खर्च भी कम आता है और जगह की जरूरत भी कम होती है। उन्होंनेे बताया कि हरियाणा में अब तक 06 आरएएस यूनिट स्थापित की जा चुकी हैं और इस विधि को अपनाने वाले किसान भी अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। आरएएस तकनीक से एक यूनिट का स्थापित करने में 50 लाख रूपये तक खर्च आता है जिसके लिए विभाग द्वारा महिलाओं व अनुसूचित जाति के किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है और सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में सोनीपत जिला को 20 आरएएस यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है।
मलिक ने कहा कि आरएएस यूनिट में एक किसान हर साल 30 से 40 टन मछली का उत्पादन कर सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मिनी आरएएस यूनिट, बैकयार्ड आरएएस यूनिट तथा मध्यम आकार के आरएएस यूनिट स्थापित करने पर भी अनुदान देने का प्रावधान किया हुआ है। इस मौके पर अंतराम फिशरिज प्राईवेट लिमिटिड के निदेशक विशाल ने बताया कि मैंने यह यूनिट पिछले वर्ष प्रारंभ की थी जिसमें मैंने 10 टैंकों में 20 टन मछली का उत्पादन किया है।
जिला मत्स्य अधिकारी योगेश शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा मत्स्य पालक किसानों का पांच लाख तका बीमा फ्री किया जाता है। इसके अलावा तालाबों की खुदाई, खाद, खुराक व अन्य प्रकार की विभागीय स्कीमों के तहत अनुदान 2020-21 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर मत्स्य अधिकारी राजेश कुमार व कश्मीर सिंह सहित अनेक मत्स्य पालक किसान मौजूद रहे।
निदेशक ने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसान आरएएस तकनीक को अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि इस विधि में खर्च भी कम आता है और जगह की जरूरत भी कम होती है। उन्होंनेे बताया कि हरियाणा में अब तक 06 आरएएस यूनिट स्थापित की जा चुकी हैं और इस विधि को अपनाने वाले किसान भी अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। आरएएस तकनीक से एक यूनिट का स्थापित करने में 50 लाख रूपये तक खर्च आता है जिसके लिए विभाग द्वारा महिलाओं व अनुसूचित जाति के किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है और सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में सोनीपत जिला को 20 आरएएस यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है।
मलिक ने कहा कि आरएएस यूनिट में एक किसान हर साल 30 से 40 टन मछली का उत्पादन कर सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मिनी आरएएस यूनिट, बैकयार्ड आरएएस यूनिट तथा मध्यम आकार के आरएएस यूनिट स्थापित करने पर भी अनुदान देने का प्रावधान किया हुआ है। इस मौके पर अंतराम फिशरिज प्राईवेट लिमिटिड के निदेशक विशाल ने बताया कि मैंने यह यूनिट पिछले वर्ष प्रारंभ की थी जिसमें मैंने 10 टैंकों में 20 टन मछली का उत्पादन किया है।
जिला मत्स्य अधिकारी योगेश शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा मत्स्य पालक किसानों का पांच लाख तका बीमा फ्री किया जाता है। इसके अलावा तालाबों की खुदाई, खाद, खुराक व अन्य प्रकार की विभागीय स्कीमों के तहत अनुदान 2020-21 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर मत्स्य अधिकारी राजेश कुमार व कश्मीर सिंह सहित अनेक मत्स्य पालक किसान मौजूद रहे।