सामाजिक संगठनों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई
हरियाणा उत्सव, गोहाना:
लोहड़ी पर्व की पूर्व संध्या पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने चौ. छोटूराम चौक पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई। जिसमें जन संघर्ष मंच हरियाणा, मेहनतकश किसान मजदूर संगठन, भारतीय किसान यूनियन और सर्व कर्मचारी संघ ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर विरोध प्रदर्शन किया। तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की।
मंच के संयोजक डा. सीडी शर्मा ने कहा कि नए कृषि कानून लागू होने से एमएसपी और मंडियां खत्म हो जाएंगी। सरकार किसानों की जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़कर पूंजीपतियों के रहमो करम पर छोड़ा रही है। नए कृषि कानून लागू होने से जीवनोपयोगी आवश्यक वस्तुओं की जमाख़ोरी को बढ़ावा मिलेगा और इनके दाम बेतहाशा बढ़ेंगे। राशन वितरण की सरकारी प्रणाली तहस नहस हो जाएगी। देश की एक अरब से ज़्यादा गरीब आबादी की खाद्य सुरक्षा ख़तरे में पड़ जाएगी और लोग दाने दाने को मोहताज हो जाएंगे। इस मौके पर रामकुमार वजीरपुरा, सूरज भान चहल, मदन अत्री, रामेहर वर्मा, बीरमती चहल, सुनीता त्यागी, इनिता इंदोरा, मूर्ति देवी, स्नेहा आदि मौजूद रही।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने वाले कानूनों की प्रतियां जलाई गई हैं। चौ. छोटूराम ने किसानों के हित के लिए कृषि कानून बनवाए थे। तीन नए कृषि कानून किसानों और मजदूरों को बर्बाद कर देंगे। किसानों की केवल तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग है। इसके अलावा कोई भी बात नही मानी जाएगी। एसकेएस के सचिव सुरेदश यादव ने कहा कि सरकार किसनों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी बर्बाद करने पर तुली हुई है। किसानों ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। इस मौके पर एसकेएस से रामनिवास आर्य, सीटू नेता नरेश खंडेलवाल, विक्की चौहान, सुशील शर्मा, अशोक लाठ, दिनेश पुनिया, साहब सिंह आदि मौजूद रहे।