हरियाणा से पानी की जंग हुई तेज, सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा दिल्ली जल बोर्ड
हरियाणा उत्सव, बीएस बोहत
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना संक्रमण और भीषण गर्मी के बीच पानी की किल्लत बनी हुई है। ऐसे में पीने के पानी के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से गर्मी के इस भयंकर दौर में 1,150 एमजीडी जल आपूर्ति की मांग की जगह 945 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। पानी की किल्लत से जूझ रहे दिल्ली जल बोर्ड ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का फैसला किया है।
हरियाणा सरकार के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड पानी के अपने वैध हिस्से की पूर्ति के लिए अब एससी की शरण लेगा, जिसकी जानकारी आप विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दी हैं।
आप विधायक चड्ढा ने बताया कि हम देख रहे हैं कि यमुना नदी में पानी का स्तर हमेशा कम रहा है, क्योंकि दिल्ली के पानी का हिस्सा हरियाणा द्वारा रोक दिया गया है। ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड 1995 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही निर्धारित दिल्ली के वैध हिस्से की आपूर्ति की मांग के लिए हरियाणा सरकार के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पानी की सप्लाई को लेकर साल 1995 में दिल्ली और हरियाणा के बीच पानी के हिस्सा को लेकर फैसला सुनाया था, जिसके तहत दिल्ली के आप विधायक राजीव चड्डा ने हरियाणा की खट्टर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कानूनी रूप से तय मात्रा से 120 एमजीडी कम जल की आपूर्ति की जा रही है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार की ओर से 2 करोड़ की आबादी में से 20 लाख लोगों का पानी रोका गया है।