लड़कू विमान राफेल की खासियत?
-राफेल से दुश्मन थरथर कांपा
-राफेल ने फ्रांस से यूएई से उडान भरकर सीधे अंबाला की जमीन को किया नमन
हरियाणा उत्सव, अंबाला
कई वषों के इंतजार के बाद भारत को राफेल की पहली खेप प्राप्त हो गई।
राफेल एक लड़ाकू विमान का नाम है। पांच लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप भारत को मिल गई। राफेल फ्रांस से यूएई और सीधे भारत के अंबाला एयरबेस पर उतरे हैं। फ्रांस से भारत तक करीब सात हजार किलोमीटर का सफर तय किया। यह सौभाग्य हरियाणा की धरती को मिला है। भारतीय सेना ने पांचों राफेल को अपने बेडे में शामिल कर लिया।
-राफेल के भारतीय सेना के बेडे में शामिल होने से पडोसी दुश्मन देशों के कपकपी छुटनी शुरू हो गई है। ये राफेल विमान ने 28 जुलाई को फ्रंस से उड़ान भरकर संयुक्त अरब अमीरात के एयरबेस अल धफरा पर पहुंचें।. यहां इनके मेंटेंनेंस और रीफ्यूलिंग का काम किया। इसके बाद ये लड़ाकू विमान उड़ान भरकर 29 जुलाई बुधवार को अंबाला एयरफोर्स बेस पर पुहंचे। भारत आते समय 30 हजार फीट की ऊंचाई पर राफेल में ईंधन भरा गया।
-राफेल की खासियत-
राफेल में बहुत खासियतें हैं राफेल का अचूक निशाना।
राफेल का वजन 10 टन है, वहीं अगर यह मिसाइल्स के साथ उड़ान भरता है तो इसका वजन 25 टन तक हो जाता है। कई मालवाहन एयरफोर्स के विमानों की इतना वजन नहीं होता। राफेल अपने साथ काफी मिसाइल्स लेकर उड़ान भर सकता है।
-राफेल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है
राफेल दुश्मन के रडार को चकमा देने के ताकत रखता है।
यह रडार की पकड में नही आएगा। साथ ही इसे इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह हिमालय के उपर भी उड़ान भर सकता है। हिमालय के उपर उड़ान भरने की काबिलियत अच्छे-अच्छे लड़ाकू विमानों में नहीं होती है।
फ्रांस ने भारत को देने के लिए अबतक दस राफेल विमान बना लिए हैं और पांच राफेलों को भारत भेजा गया है अन्य 5 राफेल विमानों को फ्रांस में रखा गया है। ताकि वायुसेना के पायलटों व क्रू को फ्रांस में ट्रेनिंग दी जा सके। पिछले साल 1 राफेल विमान भारत को सौंपा गया था ताकि भारतीय पायलट भारत में राफेल की ट्रेनिंग अच्छे तरीके से ले सके। भारत फ्रांस से कुल 36 विमान खरीद रहा है। जिसमें से पांच राफेल की खेप भारत को दी गई है अन्य विमानों को फ्रांस दो साल में भारत को सौंपेगा।