मांग: कोरोना में मृत पत्रकारों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी
मीडिया क्लब गोहाना ने हरियाणा सरकार से की मांग
हरियाणा उत्सव, बीएस वाल्मीकिन
कोरोना महामारी से भारत बुरी तरह प्रभावित है और हर दिन स्थिति बद से बत्तर होती जा रही हैं। एसे में पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर जनता तक ताजा खबरें पहुंचा रहे हैं। कोरोना काल में पत्रकार सीधे-सीधे कोरोना की जद में रहते हैं। कई पत्रकारों की कोरोना की चपेट में आने से मौत भी हो चुकी है। पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित करना चाहिए।
मीडिया क्लब गोहाना ने सरकार से कोरोना में मृत पत्रकारों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। पत्रकार फ्रंट लाइन में रहकर काम करते हैं। इसलिए पत्रकारों को पंजाब और पंश्चिम बंगाल व अन्य प्रदेशों की तरह कोरोना योद्धा का किताब देना चाहिए।
-सरकार की बात को जनता तक पहुंचाने में पत्रकार ही एक अहम कड़ी होता है। जनता के अधिकारों की आवाज को हुक्मरानों और अफसरों तक पहुंचाने के लिए भीषण गर्मी (धूप) हो या कड़ाके की सर्दी, पत्रकार अपना फर्ज बखूबी निभाता है।
-इन राज्यो ने पत्रकारों को किया कोरोना योद्धा का दर्जा
पंजाब, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिसा व बिहार में पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर श्रेणी में शामिल किया है। हरियाणा सरकार ने भी पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित करना चाहिए।
क्या करता है पत्रकार
– सही काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को पत्रकार अपने न्यूजपेपर, मैग्जीन, इलेक्ट्रोनिक चैनल, सोशल मीडिया, वेबसाइट आदि (प्लेटफार्म) में जगह देकर उसे प्रोहत्साहित करता है। ताकि सरकार द्वारा बनाई गई जनहितेषी योजनाओं को जनता तक पहुंचाता रहे।
-अधिकारी नियमों के विरुद्ध काम करता है तो पत्रकार उसे सरकार और जनता के सामने लाने का काम करता है।
-सरकार गलत नीति लेकर आती है तो पत्रकार सरकार की नीतियों को जनता के सामने रखता है। पत्रकार जिम्मेदारियों को याद दिलाता रहता है।