इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जनक डॉ. काउंट सीजर मैटी के जयंती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिवस
-इलेक्ट्रो होम्योपैथी में गंभीर बीमारियों का इलाज भी संभव है
हरियाणा उत्सव, गोहाना
रोहतक से गुढा रोड स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस (एआईआईएमएस) संस्थान में इलेक्ट्रो हॉप्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. काउंट सीजर मैटी की 216 वीं जयंती मनाई। उनके जन्मदिवस पर संस्थान में तीन दिवसीय डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। डॉ. मैटी को नमन करने के लिए देशभर के आठ राज्यों से डॉक्टर एकत्रित हुए। सभी डॉक्टरों ने डॉ. मैटी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें नमन किया। शिविर की अध्यक्षता संस्थान के चेयरमैन डॉ राकेश कुमार ने की। शिविर में दिल्ली से मुख्य ट्रेनर के रूप में डॉ सुनील कुमार बोकोलिया पहुंचे।
डॉ. बोकोलिया ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी में गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। वह समय दूर नहीं जब पूरी दुनिया में इलेक्ट्रो होम्योपैथी का डंका बजेगा। कामयाबी के लिए जज्बा होना चाहिए। इसके लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा। आप लोगों का इलाज ईमानदारी से करें।
डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि ने बताया कि डा. मैटी का जन्म किसान परिवार में हुआ था। ये रोमन पार्लियामेंट के सदस्य भी थे। डा. मैटी दानी, उदार हृदय, दयालु, मानवतावादी व देशभक्त थे। सन 1865 में डा. मैटी ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का आविष्कार किया। यह पद्धति पूर्णत: वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है। चिकित्सा पद्धति वनसपतियों के रस पर आधारित है। इसकी औषधियां सस्ती व हानि रहित एवं अति शीघ्र ही प्रभावकारी होती हैं। इस मौके पर संस्थान के कोऑर्डिनेटर मध्य प्रदेश के छतरपुर से डॉ मकबूल खान, दिल्ली से डॉ. रिजवान, बिहार से डॉ. धर्मेंद्र व एमडी हसन इमाम आदि मौजूद रहे।