Karnal

आरोप: कल्पना चावला मेडिकल कालेज में बच्चों द्वारा तैयार मैदान पर चला बुलडोजर, चिकित्सक व बच्चे नाराज

फोटो- कल्पना चावला मेडिकल कालेज में बच्चों के खेल के मैदान को बुलडोजर से उखाड़ते हुए।

-बच्चों के मैदान को उखाड़ने की बजाए जानलेवा गड्ढों को बंद करें तो अच्छा होता

हरियाणा उत्सव: करनाल

करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज में बच्चों के खेल के मैदान पर बुलडोजर चलवा दिया। यहां पर चिकित्सक और अन्य स्टाफ के बच्चें खेलते थे। चिकित्सकों ने मेडिकल के निदेशक पर रंजिश के चलते मैदान पर बुलडोजर चलवाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पार्क रोड के किनारे बने जानलेवा गड्ढे को भरने की बजाए बच्चों के खेल के मैदान को उखाड़ा गया है।

डा. गुंजन चौधरी और डा. निवेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने श्रमदान कर खाली जगह पर बच्चों के खेलने के लिए मैदान तैयार किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिकल निदेशक डा. जगदीश चंद्र दुरेजा चिकित्सकों और कई स्टाफ से रंजिश रखते हैं। कुछ चिकित्सक नियमों के विरुद्ध हो रहे कार्यों पर सवाल खडे करते हैं। इसी रंजिश के चलते निदेशक डा. जगदीश चंद्र दुरेजा ने बच्चों के खेल के मैदान पर बुलडोजर से गहरे गड्ढे खुदवा दिए हैं। रंजिश के चलते बच्चों के खेल के मैदान पर बुलडोजर से गहरे गड्ढे खुदवा दिए हैं। लेकिन वहीं सड़क किनारे आठ माह से जानलेवा गड्ढे बना हुआ है। गड्ढों को बंद करने की बजाए बच्चों के खेल के मैदान पर बुलडोजर चलवा दिया। बच्चों के खेल के मैदान पर बुलडोजर चलाने के लिए बजट मिल गया, लेकिन गड्ढे बंद करने के लिए मेडिकल के पास बजट नहीं आया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बच्चों के खेलने के लिए दोबारा से मैदान तैयार करवाया जाए। ताकि बच्चे खेल सके और हमारी नजरों के सामने सुरक्षित रहें। कैंपस के अंदर ही बच्चे खेलेंगे तो हम मन लगाकर काम कर सकेंगे।

पांच साल में भी मेडिकल में नहीं बन सका खेल मैदान
कल्पना चावला मेडिकल कालेज में खेल का मैदान नहीं बना हुआ है। जिस कारण चिकित्सक ने श्रमदान कर बच्चों के लिए खेल मैदान तैयार किया था। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) के नियमानुसार मेडिकल कालेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी खेल मैदान होना चाहिए। लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी मेडिकल कैंपस में खेल मैदान नहीं बन पाया है।

बच्चों और चिकित्सकों ने श्रमदान कर बनाया था मैदान
चिकित्सक और अन्य स्टाफ ने बच्चों की सुरक्षा दृष्टि के चलते अपने कैंपस में ही बच्चों के खेलने के लिए मैदान तैयार किया था। लेकिन बच्चों ने बहुत ही उमंग और चाह के साथ मैदान बनाने में कड़ी मेहनत की थी। बच्चों को क्या पता था कि उनका खेल का मैदान आपसी रंजिश का शिकार हो जाएगा। जिस समय मैदान पर बुलडोजर चल रहा था। कुछ बच्चे उनके सपनों के खेल मैदान पर बुलडोजर चलते देख रहे थे। लेकिन बच्चे बेबस थे, चुपचाप यह सब नजारा देख रहे थे और मन ही मन मेडिकल निदेशक के प्रति अलग ही नजरिया बनाए हुए थे।
बच्चों की आंखों के सामने ही बुलडोजर ने मैदान को गड्ढों में तब्दील कर दिया।

-आनन फानन में बंद कराया जानलेवा गड्डा।
खेल मैदान पर बुलडोजर चलाने के बाद कैंपस में विवाद हो गया। चिकित्सकों ने जानलेवा गड्ढों को भरने को कहा। इसपर मेडिकल प्रशासन ने आनन फानन में गड्ढे को भरवा दिया।

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