November 21, 2024
Faridabd

आज़ादी के बाद सबसे बुरे दौर में पहुंची अर्थव्यवस्था

आज़ादी के बाद सबसे बुरे दौर में पहुंची अर्थव्यवस्था

हरियाणा उत्सव, गोहाना
झूठ की आंधी आती है, तो सच चाहे तनकर खड़ा हो, दिखाई नहीं ​देता। झूठ का हाहाकार सच को छुपा देता है, लेकिन झूठ की सबसे बड़ी कमजोरी है कि वह ज्यादा दिन तक टिकता नहीं, सच की ताकत है कि वह फीनिक्स की तरह राख के ढेर से बाहर आ जाता है।

जीडीपी के आंकड़े ( -23.9 ) वे सच हैं जो अब तक झूठ के हाहाकार में दबे हुए थे, 2019 के चुनाव के आसपास बेरोजगारी 45 साल के चरम पर थी, अर्थव्यवस्था कई तिमाहियों से लगातार नीचे की ओर जा रही थी, लेकिन विजयोत्सव ने इनसे ध्यान हटा दिया।

सरकार ने 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का ढिंढोरी पीट दिया, तब भी कुछ लोग कह रहे थे कि हर सेक्टर में ग्रोथ ऐतिहासिक तौर पर निचले पायदान पर हैं, ये कैसे मुमकिन है? लेकिन गोदी मीडिया में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का शोर कुछ और सोचने नहीं दे रहा था।

बेरोजगारी, किसान आत्महत्या, जीडीपी, निर्माण, खनन, गरीबी रेखा आदि सभी के आंकड़े छुपाए गए, लेकिन अब वही सरकार बताने को मजबूर हुई है कि सब ध्वस्त हो चुका है और हमारी विकास दर 50 साल पीछे चली गई है।

सरकार कोरोना का बहाना लेकर बताना चाहती है कि ये ‘एक्ट आफ गॉड’ है, लेकिन कोरोना आने के पहले ही हम 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी और करीब 3 फीसदी की जीडीपी का सामना कर रहे थे। कोरोना ने जो किया, वो तो किया ही, लेकिन ये ‘एक्ट आफ गॉड’ नहीं है, ये ‘एक्ट आफ फ्रॉड’ है।

जब आप दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लागू ​कर रहे थे, तब परिणामों के बारे में सोचना था। भारत के महामारी विशेषज्ञ चिट्ठी लिखते रह गए कि हमसे भी कुछ सलाह ले लो, सरकार ने नहीं सुना। आखिर उसका हासिल क्या हुआ? आज भारत में हर दिन दुनिया में सबसे ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं।

डेढ़ लोग मिलकर 140 करोड़ लोगों का देश चलाते हैं, तब यही होता है, कड़ा फैसला तबाही लाता है, अगर वह सही फैसला न हो। तबाही का फैसला सबसे कड़ा फैसला होता है और हमने कड़े फैसले की तारीफ करना सीख लिया है। नोटबंदी, जीएसटी और दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन- तीन ही कड़े फैसलों ने हमें 50 साल पीछे पहुंचा दिया।

नोट : यह लेख पत्रकार कृष्णकान्त द्वारा लिखा गया है, मूलतः उन्होंने यह लेख अपनी फ़ेसबुक वाल पर लिखा था, जिसके बाद हमें उसे यहाँ प्रकाशित किया है

Related posts

फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार का मामला

Haryana Utsav

किसान आंदोलन के समर्थन में भाजपा विधायक ने इस्तीफा दिया

Haryana Utsav
error: Content is protected !!