November 22, 2024
GohanaHaryana

मैं बरोदा हलका हूं मेरी भी सुनों

baroda-assembly-constituency-map

उपचुनाव-मैं बरोदा हलका हूं मेरी भी सुनों

-मैंने 13 विधायक बनाकर विधानसभा में भेजे, फिर भी रहा पिछड़ा

हरियाणा उत्सव,गोहाना/ बीएस तुषार बोहत,
मैं बरोदा हलका हूं। एक नवंबर 1966 को हरियाणा के साथ मैं भी अस्तित्व में आया गया था। दो बार हुए बदलाव में मेरे कई गांव छीन लिए गए। मैंने किसी को कुछ नहीं कहा और चुप ही रहा। अब मैं केवल 55 गांवों को समेटे हूं, मेरे पास कोई शहर नहीं है। 1967 से लेकर 2019 तक मैंने 13 विधायक दिए हैं। कई बार मेरे विधायक सत्ता के साथ भी चले हैं।
53 साल में पहली बार मेरी धरती पर उपचुनाव हो रहा है। इस चुनाव में अब वही नेता मेरे ऊपर पिछड़ेपन का ठप्पा लगा रहे हैं, जिनको सरकार बनाने के लिए मैं कई बार विधायक दे चुका हूं। विधायक की दौड़ में सभी प्रत्याशियों से पूछ रहा हूं। मैं अपने ऊपर से पिछड़ेपन का ठप्पा हटाना चाहता हूं। यह अहसान मुझ पर कब और कौन करेगा।

मैं गोहाना हलके से सटा हूं। गोहाना उपमंडल में ही मेरे सारे गांव आते हैं। जिला मुख्यालय से मैं बहुत दूर हूं। 53 साल के इतिहास के पन्ने पलटकर देखता हूं तो विकास के मामले में मुझसे पक्षपात हुआ है। मैं मानता हूं मेरे गांवों में गलियां बनी हैं, पानी निकासी की भी काफी हद तक व्यवस्था की गई है। फसलों की सिचाई के लिए रजवाहे, डिस्ट्रीब्यूट्री व सब माइनरें भी निकाली गईं। स्कूल और छोटे अस्पताल बनें। ये सब काम गोहाना के क्षेत्र में भी हुए हैं, लेकिन उच्चतर शिक्षा व उद्योग में देखता हूं तो मेरा कहीं कोई स्थान नहीं है।

मेरी धरती पर चौ. देवीलाल सहकारी चीनी मिल को छोड़कर आज तक एक भी कोई बड़ा सरकारी उद्योग नहीं लगा। प्राइवेट उद्योग भी बहुत कम हैं। मेरी मुख्य सड़कों में भी अनदेखी हुई है। साथ ही गोहाना की तरफ देखता हूं तो यहां मेडिकल कालेज है, यहां उत्तर भारत का पहला महिला विश्वविद्यालय है, रेलवे जंक्शन है, नेशनल हाईवे हैं। उसकी धरती पर ही तमाम सरकारी कार्यालय हैं और कई प्राइवेट उद्योग भी हैं। इसी के चलते गोहाना के लोगों को काफी हद तक रोजगार के विकल्प मिले हैं, जिससे उनका जीवन सुधरा है।

झूठे वादों से मेरे कान पक चुके हैं
मेरे हलके के अधिकतर नेता भी मुझे छोड़कर गोहाना की धरती पर जाकर बस चुके हैं और राजनीति के लिए मेरी धरती को इंस्तेमाल रहते हैं। मुझ पर राजनीति करने वाले भाइयों ने ही मेरी तरफ सही मायने में विकास को लेकर ध्यान नहीं दिया।
मेरे हलके के लोग इतने शरीफ हैं कि 13 में से 9 बार बाहरी नेताओं को मुझ पर थोप दिया गया और मैंने उनको विधानसभा पहुंचा दिया। कई की सत्ता में भी हिस्सेदारी करवाई लेकिन मेरा भला किसी ने नहीं किया। मेरे ही एक विधायक प्रदेश के उद्योग मंत्री भी बन चुके हैं। आज मुझे इस बात का दुख है कि वही लोग मेरे पिछड़ेपन का दुखडा रो रहे हैं, जिनको मैंने विधायक देकर सत्ता तक पहुंचाने का काम किया है।

मैं दूसरी बार अपनी धरती पर सरकारी उद्योग लगाने के वायदे सुन रहा हूं। पहली बार 2013 में गोहाना के साथ मेरी धरती पर भी आइएमटी लगाने व रेल कोच फैक्ट्री लगाने की बातें सुनी थी। वे बातें केवल बातें ही बनकर रह गई हैं। उन बातों को दोहराने से मुझे चुभन होती है।

उपचुनाव में मेरी धरती पर आइएमटी लगाने, चावल मिल बनाने और विश्वविद्यालय बनाने की बातें सुनाई दी हैं। मेरे साथ इस बार धोखा न करना। मैं भी चाहता हूं कि मेरी धरती पर सरकारी उद्योग लगे और अच्छे शिक्षण संस्थान बनें, जिससे मेरे क्षेत्र के लोगों का भला हो सके। राजनेताओं मेरा दुख भी सुनों, मैं बरोदा हलका बोल रहा हूं
-बीएस तुषार बोहत, गोहाना

source- https://www.jagran.com

Related posts

बीपीएस महिला मेडिकल कालेज में ठेकेदार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

Haryana Utsav

कांग्रेस ने किया संक्रमितों की सेवा कमेटी का गठन, किसको कहां दी जिम्मेदारी

Haryana Utsav

जजपा के शहरी निकाय प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बने राजबीर मलिक

Haryana Utsav
error: Content is protected !!