DelhiHaryana

किसानों ने अमित शाह का प्रस्ताव ठुकराया, बुराड़ी ग्राउंड जाने से भी इनकार, जानें बैठक में क्या हुआ फैसला

kisan Protast
किसानों ने अमित शाह का प्रस्ताव ठुकराया, बुराड़ी ग्राउंड जाने से भी इनकार, जानें बैठक में क्या हुआ फैसला

हरियाणा उत्सव, दिल्ली एनसीआर

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अपील के बाद किसान नेताओं की चल रही बैठक खत्म हो गई है। किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। यानी कि किसान अब दिल्ली- हरियाणा के सिंधु बॉर्डर से बुराडी के निराकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा। अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं। अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों से वहां बात करने को तैयार है। लेकिन किसानों ने इस अपील को ठुकरा दिया है। किसानों का आंदोलन रविवार को चौथे दिन जारी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।

बता दें कि गृहमंत्री ने शनिवार को किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील की। साथ ही, उन्होंने किसानों को यह भी आश्वासन दिया कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है।

इससे पहले किसानों का संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी आईएएनएस को बताया कि सिंघू बॉर्डर पर चल रही बैठक में आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक में यह तय होगा कि आगे कहां जाना है। राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश से आए किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

बता दें कि नये कृषि कानून से संबंधित मसले समेत किसानों की समस्याओं को लेकर पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बीते दिनों 13 नवंबर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान-भवन में हुई बैठक में कई घंटे तक बातचीत हुई थी और दोनों पक्षों ने आगे भी बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई थी। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।

इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने पंजाब के किसान नेताओं को नये कृषि कानून पर चर्चा के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया है, जिसका जिक्र गृहमंत्री ने भी किया है।

किसान नेता सरकार से नये कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कृषि कानून से किसानों के बजाय कॉरपोरेट को फायदा होगा। किसान नेता किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी चाहते हैं और इसके लिए नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उनकी यह भी आशंका है कि नये कानून से राज्यों के एपीएमसी एक्ट के तहत संचालित मंडियां समाप्त हो जाएंगी जिसके बाद उनको अपनी उपज बेचने में कठिनाई आ सकती है। नये कानून में अनुबंध पर आधारित खेती के प्रावधानों को लेकर भी वे स्पष्टता चाहते हैं।

Source- Dalyhunt

Related posts

List of AIIMS in India. भारत में एम्स की सूची

Haryana Utsav

राज्यसभा सांसद ने राणा खेड़ी गांव में सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया

Haryana Utsav

वायरल न्यूज-शख्स ने किया दावा, एलियंस करने वाले है पृथ्वी पर हमला

Haryana Utsav
error: Content is protected !!