बरोदा की छोरी सरिता मोर ने कजाकिस्तान में रचा इतिहास
-एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में दो स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी
हरियाणा उत्सव, बीएस बोहत
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) अभियान की ब्रांड एंबेसडर एवं सोनीपत जिले के गांव बरोदा की बेटी सरिता मोर ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। उन्होंने एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते हैं।
अलमाती (कजाकिस्तान) में आयोजित एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया है। वह देश की तीसरी पहलवान बन गई हैं जिन्होंने एशियन चैंपियनशिप में दो बार स्वर्णिम पताका फहराई है। सरिता मोर से पहले यह उपलब्धि पुरूष पहलवानों के रूप में योगेश्वर दत्त (2008 व 2012) और बजरंग पूनिया (2020 व 2021) के नाम दर्ज है। जबकि महिला पहलवान के रूप में उनका नाम सबसे ऊपर है।
वह भारत की पहली महिला पहलवान हैं जिन्होंने एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में दोहरा स्वर्णिम प्रदर्शन किया है। इसके पहले सरिता ने वर्ष 2020 में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था। अब दूसरी बार उन्होंने अलमाती (कजाकिस्तान) में आयोजित एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में 59 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता है।
उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने बधाई दी है। उनहोंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रूपी कलंक को जड़ से खत्म करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इस कार्य में सरिता मोर सरीखी बेटियां जागृति की मिसाल बन रही हैं। इस उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सरिता बहन-बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत के रूप में उभरी हैं। उनकी उपलब्धियां बीबीबीपी अभियान की सफलता में सहायक सिद्ध होंगी।