December 22, 2024
Special Person

बिजली निगम के एसडीओ आदर्श कुमार

लोगों को जागरूक कर बिजली चोरी रोकना रहेगी प्राथमिकता : आदर्श

बिजली निगम द्वारा बिजली चोरी रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें समय-समय पर छोपेमारी करके उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते पकड़ती हैं। बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर जुर्माना भी लगाया जाता है। इसके अलावा निगम द्वारा बिजली चोरी को रोकने के लिए म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत गांवों में भी उपभोक्ताओं के मीटरों को घरों से बाहर निकाला जा रहा है। निगम अधिकारियों की सख्ती के चलते शहरी क्षेत्रों में तो बिजली की चोरी कम हुई है लेकिन कई गांवों में अब भी बिजली की चोरी बहुत अधिक होती है। इससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। दूसरी तरफ क्षेत्र के गई गांवों में ओवरलोड की समस्या भी है। ओवरलोड के चलते अघोषित कट लगते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को शेड्यूल के अनुसार पूरी बिजली नहीं मिल पाती है। कई गांवों में बिजली लाइनों के तार भी जर्जर हो चुके हैं, जिससे भी बिजली सप्लाई बाधित होती है। कई गांवों में बिजली लाइन के तार घरों के ऊपर से गुजरते हुए हैं, जिससे हादसे होते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली सप्लाई देने और बिजली चोरी को रोकने की क्या योजना है। इन मुद्दों पर बिजली निगम के एसडीओ आदर्श कुमार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश: –

परिचय

बिजली निगम के सब अर्बन सब डिवीजन गोहाना के एसडीओ आदर्श कुमार का जन्म 1 जनवरी, 1963 को उत्तर प्रदेश के जिला डूमरियागंज जिले में हुआ था। उस समय उनका परिवार डूमरियांगज के मुख्य बाजार में रहता था। उनके पिता स्व. जंगीलाल किसान थे और माता पाती देवी गृहिणी हैं। उन्होंने बारहवीं कक्षा की पढ़ाई डूमरियांजग शहर के राजकीय स्कूल पूरी की। उत्तर प्रदेश के किसान डिग्री कॉलेज से 1981 में बीएससी की पढ़ाई पूरी की। फैजाबाद स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज से 1984 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्राइवेट फैक्ट्री में नौकरी की। 14 अगस्त, 1987 को हरियाण बिजली निगम के सहाकय लाइनमैन के पद पर नियुक्त हुए। 2003 में जेई के पद पर पदोन्नति हुई। 2008 में एसडीओ पदोन्नत हुए। वे इस समय गोहाना में सेवाएं दे रहे हैं। बेहतर सेवाओं के लिए निगम से उन्हें सम्मान मिल चुका है।

बिजली चोरी रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं और अब तक कितनी सफलता मिली?
समय-समय शिविर लगा कर उपभोक्ताओं को बिजली चोरी न करने के लिए जागरूक किया जाता है। उपभोक्ताओं को म्हारा गांव जगमग गांव योजना के फायदे समझा कर इस योजना के लिए जोडऩे का प्रयास भी किया जाता है। बिजली चोरों पर नकेल कसने के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। टीमें मुख्य रूप से रात के समय गश्त करती हैं। जो उपभोक्ता बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाते हैं उन पर जुर्माना लगाया जाता है। जून व जुलाई माह में 130 उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया और उन पर करीब 22 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया।

ओवरलोड फीडरों की समस्या के समाधान के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
सब अर्बन सब डिवीजन में कुल 70 फीडर हैं। ओवरलोड फीडरों का सर्वे किया जा रहा है। पहले चरण के सर्वे में छह फीडर ओवरलोड मिले थे, जिनका लोड कम किया जा चुका है। दूसरे चरण के सर्वे में जो फीडर ओवरलोड मिलेंगे उनका भी लोड कम किया जाएगा। कोशिश रहती है कि लोड के अनुसार एडवांस में ही प्लानिंग की जाए, जिससे जरूरत बढ़ते ही लोड भी बढ़ाया जा सकता है।

म्हारा गांव जगमग योजना को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कैसा रुझान है?
शुरूआत में तो ग्रामीणों ने इस योजना का विरोध किया था। विरोध भी केवल उन्हीं लोगों ने किया था जो बिजली चोरी करते थे। ग्रामीणों को बिजली चोरी न करने के लिए जागरूक किया गया और योजना के फायदे बताए गए। ग्रामीणों से सहयोग मिलने पर सब डिवीजन के कुल 43 गांवों में से 28 गांव योजना में शामिल हो चुके हैं। योजना में शामिल गांवों में सभी उपभोक्ताओं के मीटरों को घरों से बाहर निकाला जा चुका है। निगम द्वरा इन गांवों में 18 से 24 घंटे बिजली दी जा रही है।

गांवों में मकानों की छतों के ऊपर से गुजर रही बिजली लाइनों को हटाने के लिए क्या प्रयास रहेगा?
मकानों की छतों से बिजली लाइनों को हटाने का काम चला हुआ है। पहले चरण में 20 लाइनों को शिफ्ट किया गया। दूसरे चरण में 21 लाइनों को शिफ्ट किया जाएगा। निगम की कोशिश है कि जल्द से जल्द गांवों में मकानों के ऊपर से गुजर रही सभी लाइनों को शिफ्ट कर दिया जाए। लाइन बिछाने के बाद ग्रामीणों को उसके नीचे मकान नहीं बनना चाहिए। सरपंचों से भी डेंजर जोन की श्रेणी में आने वाली लाइनों की सूची मांगी गई है।

किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने और निर्बाध बिजली सप्लाई देने के लिए क्या कोशिश रहेगी?
निगम सरकार के नियम के अनुसार किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शनों पर पूरे आठ घंटे बिजली सप्लाई दे रहा है। अगर किसी किसान को समस्या है कार्यालय में शिकायत करे, जिसका दो दिन में समाधान करवा दिया जाएगा। एग्रीकल्चर फीडरों की लाइनों की समय-समय पर मरम्मत करवाई जाती है। नए ट्यूबवेलों के बिजली कनेक्शन देने की प्रकिया जा रही है। मुख्यालय से 38 मोटरें आई थी, जिनमें से 34 को ट्यबवेलों पर लगा कर कनेक्शन किए जा चुके हैं।

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