दलित व पिछड़ों ने क्रीमीलेयर की छह लाख रुपये की सीमा पर जताया रोष
हरियाणा उत्सव/ बीएस बोहत
गोहाना: दलित व पिछड़ों के विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने मुख्य बाजार में बैठक का आयोजन किया। बैठक में सरकार द्वारा आरक्षण में पिछड़े वर्ग पर क्रीमीलेयर की सीमा छह लाख रुपये करने पर रोष व्यक्त किया। अति पिछड़ों का रोजगार छीनने के लिए क्रीमीलेयर का फैसला लिया गया है।
पिछड़ा वर्ग के नेता आजाद सिंह डांगी ने कहा कि मेहनत मजदूरी कर गुजारा कर लेते हैं तो उन्हें भी आरक्षण की श्रेणी से बाहर करने की साजिश की जा रही है। क्रीमीलेयर के चक्कर में फंसा कर हमारे युवाओं को बेरोजगार रखना चाहती है। हरियाणा डा. अंबेडकर संघर्ष समिति प्रदेश महासचिव रोहताश अहलावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछड़ों को आरक्षण देने से मना कर रही है। भविष्य में साजिश के तहत दलितों के युवाओं को भी सरकारी नौकरियों से बाहर कर सकती है। इसलिए सरकार के क्रीमीलेयर के फैसले का विरोध करते हैं। पिछडों को नौकरियों से वंचित रखने के लिए साजिश के तहत यह फैसला लिया गया है। चपरासी, सैनिक, किसान व कौशल श्रमिक वार्षिक छह लाख रुपये आय वाले परिवार में आते हैं। क्रीमीलेयर के फैसले से चपरासी, सैनिक, किसान व कौशल श्रमिक के बच्चों को अधिकार छीनने का काम कर रही है। सरकार को पिछड़े वर्ग के हितों को देखते हुए फैसला लेना चाहिए। इस मौके पर सीताराम कश्यप, नरेश पांचाल, पूर्णचंद रोहिल्ला, मुकेश, रवि शिवदास, लक्षमण सैनी, दलबीर लडवाल, राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।