दीपेंद्र हुड्डा के रास्ते का रोड़ा बने …..
हरियाणा उत्सव/ अनिल खत्र
गोहाना डेस्क: कांग्रेस की करारी हार के बावजूद पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। G-23 के नेताओं द्वारा लगातार गांधी परिवारपर निशाना साधा जा रहा है। और पार्टी की दुर्गति के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लगातार G-23 के नेताओं की बैठकों का दौर जारी है। और पार्टी में गांधी परिवार के नेतृत्व को बदलने के लिए पार्टी पर दबाव बनाया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी के सीनियर नेताओं को राज्यसभा में भेजने और हरियाणा में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सेलजा को बदलने का दबाव बनाया जा रहा है। G-23 के नेता चाहते हैं कि हरियाणा कांग्रेस की कमान हुड्डा परिवार को सौंपी जाए।
G-23 के नेताओं में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने G-23 के नेताओं की मांगो को लेकर राहुल गांधी से भी मुलाक़ात की है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार इसी कोशिश में है कि हरियाणा कांग्रेस की कमान कुमारी शैलजा के हाथों से छीनकर दीपेंद्र हुड्डा के हाथों में सौंपी जाए। ताकि आने वाले चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा बन सके। यह बात जगजाहिर है कि युवा सांसद दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में सबसे लोकप्रिय नेता हैं। युवा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की लोकप्रियता की मुख्य वजह उनकी सादगी मिलनसार और नरम स्वभाव है।
दीपेंद्र हुड्डा की नरम छवि के कारण प्रदेश की जनता के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी उनके कायल है।जब भूपेंद हुड्डा मुख्यमंत्री थे तब भी दिल्ली के पंत मार्ग स्तिथ मुख्यमंत्री निवास पर दीपेंद्र हुड्डा से मिलने वालों का जमावड़ा लगा रहता था। प्रदेश की जनता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री होते हुए भी दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलना ज्यादा पसंद करती थी। युवा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस पार्टी को ऊपर उठाने के लिए प्रियंका गांधी के साथ पूरे देश में लगातार पसीना बहा रहे हैं। गांधी परिवार को साधने में लगे हुए हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव होने के बावजूद भी गांधी परिवार द्वारा प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया और दूसरी बार 40 सीटें आने के बाद भी गांधी परिवार ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भरोसा जताकर दोबारा से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। आज उसी गांधी परिवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा आंखें दिखा रहे हैं और गाँधी परिवार के खिलाफ G-23 के नेताओं में शामिल होकर बगावत कर रहे हैं। जिसका सीधा सीधा नुकसान राजनीति में दीपेंद्र सिंह हुड्डा को उठाना पड़ रहा है। पूर्व मुख्य्मंत्री भूपेंद्र हुड्डा का गाँधी परिवार से बगावत वाला फैसला दीपेंद्र हुड्डा की मेहनत पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। ऐसा करके भूपेंद्र सिंह हुड्डा पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर वाली कहावत को सच करने में लगे हुए हैं। क्योंकि कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार ही सर्वे सर्वा है।