प्रथम स्वतंत्रता क्रांति के महानायक थे मंगल पांडेय: राजकुमार शर्मा
हरियाणा उत्सव/ बीएस बोहत
गोहाना: रोहतक रोड स्थित ज्ञान गंगा डिफेंस अकादमी में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक मंगल पांडेय का 165वां बलिदान दिवस मनाया। समारोह की अध्यक्षता अकादमी संचालक प्रवीण गुप्ता ने की। संयोजन आजाद हिंद देश भक्त मोर्चा के संरक्षक आजाद सिंह डांगी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन राजकुमार शर्मा पहुंचे।
राजकुमार शर्मा ने कहा कि मंगल पांडेय का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम श्रीमती अभय रानी था। मंगल पांडेय बचपन से ही सेना में भर्ती होना चाहते थे। 22 साल की उम्र में ही अंग्रेजों की सेना में भर्ती हो गए। अंग्रेजी सेना में उनकी पहली नियुक्ति अकबरपुर की एक ब्रिगेड में हुई थी। अंग्रेजों द्वारा कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी का इस्तेमाल करते थे। मंगल पांडेय ने गाय और सूअर के चर्बी वाले कारतूस का इस्तेमाल करने से मना कर दिया।
जिसके चलते मंगल पांडेय का कोर्ट मार्शल कर मुकदमा चला। छह अप्रैल 1857 को उन्हें 18 अप्रैल 1857 को फांसी की सजा सुना दी गई। ब्रिटिश सरकार ने मंगल पांडेय को निर्धारित तिथि से 10 दिन पूर्व ही आठ अप्रैल 1857 को फांसी पर लटका दिया। इसलिए 1857 की स्वतंत्रता की क्रांति का महानायक कहा जाता है। इस मौके पर सियाराम शर्मा, धर्मबीर मलिक, डा. दलबीर सांगवान, सोनू शर्मा, रणधीर शर्मा, मुखत्यार डांगी, धर्मवीर कालीरामन, राजवीर शर्मा, फुलकुंवर, कृष्ण पांचाल आदि मौजूद रहे।