पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह जांच में सहयोग नहीं किया तो हो सकती है सख्त कार्रवाइ
हरियाणा उत्सव, डेस्क
अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम व भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज मामले को खारिज करने के लिए पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। युवराज सिंह के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष कहा कि वे इस मामले में एक रिजाइंडर फाइल करना चाहते हैं। इसलिए समय दिया जाए।
इस पर शिकायतकर्ता रजत कलसन के अधिवक्ता ने कहा कि पहले ही बहुत समय दिया जा चुका है। आज की पेशी अंतिम बहस के लिए मुकर्रर थी। वे इस मामले में बहस करना चाहते हैं। शिकायतकर्ता कलसन के अनुसार हाईकोर्ट की बेंच ने सरकारी वकील से जांच का स्टेटस पूछते हुए कहा कि क्या युवराज सिंह और जांच में शामिल किया है। सरकारी वकील ने बताया कि युवराज सिंह एक बार जांच में शामिल हुए। उन्होंने अपना फोन भी पुलिस को नहीं सौंपा है।
जवाब पर कोर्ट ने युवराज के वकील से कहा कि जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो अदालत ने इस मामले में युवराज सिंह के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई के बारे में रोक लगाई हुई है, उसे हटाने से गुरेज नहीं करेगी। युवराज के वकील ने कहा कि युवराज सिंह दुबई गए हैं। उनके आते ही वे उन्हें जांच में शामिल कर सहयोग करेंगे। शिकायतकर्ता कल्सन के अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने अदालत से कहा कि इस मामले में छोटी तारीख पेशी दी जाए, जिस पर अदालत ने इस मामले में आगामी तारीख 6 सितंबर मुकर्रर कर कहा कि इस तारीख पर दोनों पक्षों की बहस सुनी जाएगी। अगर कोई पक्ष अपना कोई दस्तावेज या जवाब दाखिल करना चाहे तो इस तारीख से पहले-पहले कर सकता हैं।
Source- https://www.bhaskar.com/
*यह कंटेंट हरियाणा उत्सव द्वारा तैयार नहीं किया गया है। यह दैनिक भास्कर द्वारा तैयार किया गया है।*