महिलाओं व बुजर्गों पर हो रहे अत्याचार को रोकना प्राथमिकता: डीएसपी मुकेश कुमार
गोहाना के डीएसपी मुकेश कुमार का व्यक्तिगत परिचय
-डीएसपी मुकेश कुमार का जन्म जिला झज्जर के गांव मोहन बाडी में हुआ। वे इस समय गोहाना में डीएसपी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके पिता स्व. इंद्र सिंह मुख्यअध्यापक के पद से सेवानिवृत थे। माता कृष्णा देवी गृहणी हैं। इनके गांव से तीन किलोमीटर दूर गांव झांसवा के राजकीय उच्च विद्यालय से दसवीं कक्षा पास की। पैदल चलकर स्कूल में पढ़ाई करने जाते थे। 12वीं कक्षा रोहतक से पास की। बीए की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय से पूरी की। पिता स्व. इंद्र सिंह मुकेश कुमार को वायु सेना में देखना चाहते थे। दादा जी स्व. चौधरी रणधीर सिंह पंजाब पुलिस से सेवानिवृत थे। जिसे मुकेश कुमार हरियाणा पुलिस में भर्ती होना चाहते थे। इन्होंने हरियाणा पुलिस में सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) परिक्षा की तैयारी शुरू की। 1994 में एएसआई पद पर भर्ती हुए। इन्होंने सोनीपत थाना, रिवाडी, सिरसा, पानीपत, भिवानी आदि थानों में सेवाएं दी। 2006 में एएसआई से एसएचओ प्रमोट होकर सोनीपत व विभिन्न थानों में सेवाएं दी। 2012 में बतौर डीएसपी हिसार में नियुक्त हुए। उसके बाद महम, सोनीपत, गुरुग्राम, कालका और अब गोहाना में डीएसपी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध को रोकने और पीडि़तों को न्याय दिलाने में पुलिस की अहम भूमिका होती है। गरीब, सामान्य व अमीर पीडि़त लोगों को पुलिस से न्याय की बहुत उम्मीद होती है। काफी ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए पीडि़तों को न्याय दिलाने में मुख्य भूमिका भी निभाई है। दूसरी तरफ कई ऐसे मामले भी सुर्खियों में आते रहते हैं जिनमें पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं। पिछले कुछ अर्से में क्षेत्र में लूट की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें कुछ मामले सुलझाए जा चुके हैं और कुछ मामले अभी भी अनट्रेस हैं। पुलिस की छवि जनता में और बेहतर बनाने, आपराधिक घटनाओं को रोकने, गैंगवार पर लगाम लगाने, शहर को जाम से राहत दिलाने और आम जनता को भयमुक्त माहौल मुहैया कराने के लिए पुलिस प्रशासन के क्या प्रयास रहेंगे इन मुद्दों को लेकर पत्रकार भंवर सिंह ने गोहाना के डीएसपी मुकेश कुमार से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-
-शहर को जाम मुक्त करने के लिए क्या प्रयास रहेगा?
शहर को जाम मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास रहेगा। इसके लिए भीड़भाड़ वाले प्वाइंटो को चिन्हित किया जाएगा। जाम न लगे इसके लिए चिन्हित प्वाइंटो पर ट्रैफिक स्टाफ को तैनात किया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक इंचार्ज को भी दिशानिर्देश दिए गए हैं। राइडर भी लगाए गए हैं। भारी वाहनों का रास्ता डायवर्ट किया जाएगा। इसके अलावा शहर को जाम से राहत देने के लिए लोगों से सहयोग लिया जाएगा। वाहन चालकों से भी अपील है की सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें। ताकि सड़क हादसों और शहर में जाम से बचा जा सके।
-गैंगवार पर लगाम कैसे लगाएंगे?
गैंगवार से जुड़े लोग मेरी कार्यशैली को जानते हैं। मैनें कई वर्ष सोनीपत सीआईए में काम किया है। इसलिए वह मेरे कार्य को अच्छी तरह से जानते हैं। मेरी कार्यशैली से अपराधिक प्रवृती के लोगों की पिंडियां कांपती हैं। जेल में बैठे किसी भी गैंगवार के व्यक्ति की किसी भी अपराधिक घटना में संलिप्तता का संदेह हुआ तो उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की जाएगी और गहनता से जांच होगी। गैंगवारों का डाटा खंगाला जा रहा है। उसके बाद उनका डाटा तैयार किया जाएगा। घटना में संलिप्तता मिली तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पीडि़तों को न्याय दिलाया जाएगा। अपराधिक घटना की जांच में लापरवाही मिली तो जांच अधिकारी (आईओ) के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई होगी। अपराधिक घटनाओं की बारिकी से जांच करने के निर्देश दिए हैं।
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महिलाओं व बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए क्या प्रयास रहेगा?
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सरकार ने विशेष कानून बना रखे हैं। इन कानूनों पर शक्ति से अमल किया जाएगा। अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए 112 टॉल फ्री नंबर जारी कर रखा है। आपकी सुरक्षा के लिए बस एक काल की दूरी पर पुलिस तैनात रहती है। महिला, बुजुर्ग व बच्चों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आया जाएगा। महिला, बुजुर्ग व बच्चों की शिकायतों को प्राथकिता से निपटाया जाएगा। इसके लिए संबंधित थाना प्रभारियों को निर्देश दिए जाएंगे। न्याय दिलाने के लिए सख्त कार्रवाई के साथ निष्पक्ष जांच की जाएगी। गोहाना में महिला थाना भी बना हुआ है। यहां पर महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। पीसीआर, राइडर और 112 वाली वैन को ओर भी ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा।
-दहशत पैदा करने वाली पटाखाबुलेट मोटरसाइकिल को बंद करने के लिए क्या प्रयास रहेगा?
बुलेट मोटरसाइकिल से पटाखा छोडऩे से दहशत का माहौल पैदा होता है। इस पर अंकुश लगाया जाएगा। पटाखा छोडऩे वाली बुलेट मोटरसाइकिल को इंपाउंड किया जाएगा। पटाखा बुलेट को पकडऩे के लिए शहर में नाकों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे। इसके अलावा बुलेट रिपेयरिंग करने वाले मकैनिकों की बैठक बुलाई जाएगी। बुलेट में पटाखा लगाने वाले साइलेंसर नहीं लगाने की अपील की जाएगी। उसके बाद भी किसी बुलेट में पटाखा मिला तो, मकैनिक पर कार्रवाई और बुलेट को इंपाउंड किया जाएगा। मकैनिक द्वारा रिपयेर की गई बुलेट मोटरसाकिल की डिटेल्स संबंधित पुलिस थाना या पुलिस चौकी में जमा करानी होगी।
-लूट, डकैती व चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रयास रहेगा?
लोगों को खासकर युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी। युवाओं को मेहनत करके कमाई करने की सोच विकसित करनी होगी। युवा गलत संगत में आकर कम समय में अमीर बनने के सपने देखते हैं। ऐसे ही युवा अपराध की तरफ बढ़ते चले जाते हैं और अपना भविष्य बर्बाद कर लेते हैं। वैसे पुलिस प्रशासन लूट, डकैती व चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में दिन व रात के समय गश्त बढ़ाई गई है। कई जगहों पर सीसीटीवी लगे हुए हैं। आपराधिक लोगों का रिकार्ड तैयार किया जा रहा है और उनके बारे में फीडबैक लिया जाएगा कि अब वे क्या कर रहे हैं।