एसडीएम आशीष वशिष्ठ का परिचय, साक्षात्कार
नाम- आषीश वशिष्ठ, एचसीएस
आशीष वशिष्ठ हरियाणा के झज्जर जिले के गांव कोंधरा वाली में जन्मे । उनके पिता ईश्वर सिंह हरियाणा बिजली वितरण निगम में कर्लक पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। माता विजय लक्षमी गृहिणी हैं। आषीश वशिष्ठ ने झज्जर के राजकीय वशिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से दसवीं व बारहवीं कक्षा पास की। 2001 में जाट कॉलेज झज्जर से बीएससी मेडिकल की पढ़ाई की। 2003 में एमडीयू रोहतक से एमएससी जियोलोजी मेडिकल से की। इसके बाद झज्जर में ही अपना कोचिंग सेंटर चलाया। जिसमें खुद ही बच्चों को कोचिंग दिया करते थे। इसी के साथ-साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की। जिसमें चार बार यूपीएससी की परीक्षा भी दी। उसके बाद 2016 बैच में एचसीएस की परीक्षा पास की। सबसे पहले एसीयूटी के रूप में मेवात में बीडीपीओ और तहसीलदार रहे। एचसीएस अधिकारी के रूप में पहली नियुक्ति 6 सितम्बर 2017 को रेवाड़ी की जिला परिषद के सीईओ के रूप में दी गई। 09 मई 2018 से अब गोहाना में एसडीएम के रूप में अपनी सेवाऐं दे रहे हैं।
वाहन रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाना रहेगी प्राथमिकता-
शिक्षा में सुधार लाने के लिए रहेगी प्राथमिकता-आशीष वशिष्ठ
ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट (आरसी) बनवाने में डीएसपी और एसडीएम कार्यालय की मुख्य भूमिका रहती है। लोगों को इन कामों को लेकर कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। कुछ लोग बार-बार चक्कर लगाने से बचने के लिए कई बार दलालों से संपर्क भी कर लेते हैं। आरसी और डीएल का काम तत्परता से हो , इसके लिए एसडीएम कार्यालय में ई-दिशा केंद्र बनाया गया है। केंद्र में अलग-अलग सेंटर बनाते हुए कर्मचारी नियुक्त करके टोकन सिस्टम लागू किया है। दूसरी तरफ गोहाना शहर में अतिक्रमण के चलते लोगों की जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन की क्या योजना है। सीएम मनोहर लाल ने भी पिछले साल गोहाना व बरोदा हलकों की विकास रैलियां करके लगभग 300 करोड़ रुपये के कामों की घोषणाएं की थी। सीएम घोषणाओं को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने के लिए प्रशासन की क्या तैयारी है। शिक्षा में सुधार को लेकर स्कूलों में क्या सुविधाएं की जाये। इन मुद्दों को लेकर मुख्य संपादक बीएस बोहत ने एसडीएम आशीष वशिष्ठ से विस्तार से बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ अंश-
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डीएल व आरसी आसानी से बन सकें, इसके लिए क्या योजना है?
उपमंडलीय परिसर में पहले ही ई-दिशा केंद्र किया हुआ है। केंद्र वातानुकूलित बनाया गया है। यहां अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं। डीएल व आरसी की सरकारी फीस का लोगों को पता लग सके इसके लिए डिस्पले लगवाई हुई है। लोग केंद्र में आकर आवेदन करें। इसके बाद समस्त प्रक्रिया बहुत जल्द पूरी करते हुए डीएल बना दिए जाते हैं। इसके लिए बाकायदा टोकन सिस्टम लागू किया गया है। लोगों को एनाउंस करके बताया जाता है कि फाइल का क्या स्टेटस है। डीएल व आरसी के लिए दलालों के चक्कर में आने की जरूरत नहीं है। सीधे ई-दिशा केंद्र में आएं, जहां जल्द से जल्द काम होगा। कर्मचारियों को समय पर लोगों के काम करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डीएल के लिए ऑनलाइन सारथी-4 साफ्टवेयर पर आवेदन कर सकते हैं।
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सीएम की घोषणाओं को सिरे चढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है?
सीएम ने पिछले साल अगस्त व दिसंबर माह में रैलियां करके गोहाना के विकास के लिए कई घोषणाएं की थीं। शहर के विकास के लिए लगभग 9 करोड़ रुपये आ चुके हैं, जिनके नगर परिषद द्वारा टेंडर लगाए जा चुके हैं। शहर के मिनी बाइपास का सुधार करवाया गया है। कई गांवों में खेल स्टेडियमों पर काम शुरू हो चुका है, कई पर जल्द काम शुरू करवा दिया जाएगा। सीएम की घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास है, जिनकी समीक्षा को लेकर समय-समय पर उच्च व स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की जाती है। डी-प्लान से भी शहर व गांवों में कई जगह विकास कार्य चले हुए हैं।
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अतिक्रमण की समस्या से निपटने के लिए क्या किया जा रहा है?
दुकानदारों से अपील की जायेगी कि दुकानों के बाहर अतिक्रमण न करे और न ही चबूतरे बाहर निकाले। उसके बाद भी नही मानते तो। नगर परिषद के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी जायेगी। अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों से सख्ती से निपटा जाए। नपा द्वारा समय-समय पर अभियान चला कर दुकानों के बाहर रखे सामान को जब्त भी किया जाता है। नप द्वारा विभिन्न मार्गों पर दुकानदारों के बाहर बने चबूतरों को भी तोडा जा रहा है। ताकि रहागीरों को आने-जाने में परेशानी न हो।
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शहर को जाममुक्त बनाने के लिए प्रशासन की क्या योजना है?
प्रदेश सरकार ने शहर के पश्चिम में बड़े बाइपास की घोषणा कर रखी है। यह प्रोजेक्ट बड़ा है, फिलहाल शहर के पश्चिम में मिनी बाइपास से ही वाहनों को डाइवर्ट किया जा रहा है। इसके अलावा ट्रैफिक इंचार्ज व पुलिस प्रशासन को साथ लेकर शहर का जायजा लिया जायेगा और कुछ जगहों पर पर टै्रफिक चैकिंग केंद्र भी बनाये जायेंगे। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि नाबालिगों को वाहन चलाने के लिए न दे। यातायात नियामों का पालन करने के लिए वाहन चालकों को जागरूकता अभिायान भी चलाया जायेगा। पुलिस प्रशासन व नगर परिषद को दिन के समय शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए हुए हैं। फव्वारा चौक व जींद मार्ग पर एंट्री प्वाइंटों पर बोर्ड भी लगवा दिए गए हैं। शहर जाममुक्त बन सके, इसके लिए दुकानदारों व वाहन चालकों को सहयोग करना चाहिए।
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पेयजल संकट से निपटने के लिए किस तरह की योजना बनाई है
गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या आम हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कम होने के चलते पानी सप्लाई समय पर नही पहुंच पाती। जिससे लोग परेशान होते हैं। इसके लिए जलापूर्ति विभाग व बिजली वितरण निगम के अधिकारियों को को निर्देश दिए गए हैं कि जन समस्याओं का जल्द से जल्द निदान करने के लिए तालमेल बना कर काम करें। गांव में बिजली आते ही पानी सप्लाई देने के लिए आप्रेटरों को निर्देश दिये जायेंगे।