सोनीपत लोकसभा में जेजेपी-इनेलो की प्रफोरमेंस रहेगी निर्णायक
सोनीपत लोकसभा में जीत का मार्जन रहेगा बहुत कम
हरियाणा उत्सव, सोनीपत (भंवर सिंह)
देश की सबसे बडी पंचायत को लेकर लोकसभा का चुनाव चर्म पर है। हरियाणा में 25 मई 2024 को मतदान होना है। बात हरियाणा की सोनीपत लोकसभा की करते हैं। सोनीपत लोकसभा में मैच फंसा हुआ है। यह मैच भाजपा और कांग्रेस के बीच फंसा हुआ है। कांग्रेस से सतपाल ब्रह्ममचारी और भाजपा से मोहन लाल बडौली आमने सामने हैं। दोनों प्रत्याशी ब्रहामण समाज से आते हैं। दोनों प्रत्याशियों की सांसे अटकी हुई हैं। यह चुनाव दोनों के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। कोई भी एक गलती प्रत्याशी पर भारी पडेगी और हार का कारण बन सकती है। सोनीपत लोकसभा में जीत का मार्जन बहुत कम रहने वाला है। चर्चाओं की बात करें तो जीत का मार्जन 50 हजार से नीचे रहने वाला है।
दोनों प्रत्याशियों की मजबूती और कमजोरी पर प्रकाश डालेंगे।
दोनों प्रत्याशियों का अपना कोई भी विजन नहीं है। दोनों प्रत्याशी पार्टियों के घोषणा पत्रों से बंधे हुए हैं।
भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बडौली की बात की जाए तो।
मोहन लाल राई हलके से विधायक हैं और सत्ता में काबिज हैं। यह बडौली की मजबूती।
इनका अपना कोई भी विजन नहीं है। केवल मोदी के भरोसे चुनाव लड रहे हैं। स्थानीय मुद्दे इनके भाषणों से गायब हैं। स्थानीय मुद्दों से भटककर दूसरे मुद्दों पर भाषण रहता है। अंदर खाते कार्यकर्ताओं की नाराजगी इन पर भारी पड सकती है। चुनाव को ठिक तरह से नहीं संभालना। यह इनकी कमजोरी है।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी की बात की जाए तो
सतपाल ब्रह्मचारी जींद जिले के गांगोली गांव से संबंध रखते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी की धार्मिक गुरु के रूप में पहचान है। लोगों की आस्था इनके साथ जुडी हुई है। इसके अलावा यह जाट बहुल्य क्षेत्र है। जाट वोटरों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रभाव है। यह इनकी बहुत बडी मजबूती है।
बात कमजोरी की जाए तो
इनेलो और जजपा के प्रत्याशी जाट समाज से हैं। दोनों प्रत्याशियों की जाट वोटरों पर निंगाहे टिकी हुई है। दोनों प्रत्याशी जाटों की वोटों में सैंधमारी करेंगे। जिससे सतपाल ब्रह्मचारी को बडा नुकसान हो सकता है। वह हरिद्वार में आश्रम चलाते हैं और ज्यादातर वहीं रहते हैं। जिसके चलते सतपाल ब्रह्चारी पर बाहरी होने का भी ठप्पा है।
जेजेपी-इनेलो की प्रफोरमेंस रहेगी निर्णायक
इनेलो और जेजेपी पार्टी जाट वोट बैंक पर आधारित है। दोनों पार्टियों ने जाट समाज से प्रत्याशी मैदान में उतार रखे हैं। एसे में दोनों प्रत्याशियों ने 60 हजार वोटों से अधिक वोट प्राप्त किए तो मोहन लाल बडौली को फायदा होगा। वहीं दोनों प्रत्याशी 20 से 30 हजार वोटों में ही सिमिट गए तो सतपाल ब्रहमचारी को फायदा होगा। इसलिए जेजेपी-इनेलो की प्रफोरमेंस सोनीपत लोकसभा में हार जीत का फैसला करेगी।