कथूरा गांव हरियाणा के नरवाल गोत्र के 450 गांव का सिरमोर है
हरियाणा उत्सव, गोहाना (भंवर सिंह)
प्रदेश भर में नरवाल गोत्र के 450 गांव हैं। इन सबकी चौधर गांव कथूरा के सिर पर है। नरवाल खाप के राष्ट्रीय प्रधान भलेराम नरवाल भी कथूरा गांव से ही हैं। कथूरा गांव करीब 900 साल पहले राजस्थान के ददरेड़ा से आए लोगों ने बसाया था।
गांव में बाबा माडू नाथ मंदिर आस्था का मुख्य केंद्र है। मंदिर में नवमी के उपलक्ष्य में भंडारा और मेला लगता है। मेले व भंडारे में नरवाल गोत्र के साथ-साथ गांव व आसपास के गांवों से 36 बिरादरी के लोग शामिल होते हैं। बाबा माडू नाथ को लेकर गांव में प्राचीन कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि बाबा माड़ू नाथ महान तपस्वी थे। वे गांव को प्राकृतिक आपदाओं से बचाते थे। उन्होंने गांव को टिड्डियों के हमले व भारी ओलावृष्टि से भी बचाया था। गांव के एक-एक व्यक्ति की जुबान पर यह कहानी है।

कथूरा गांव बरोदा हलका में आता है। यह गांव गोहाना से महम मार्ग पर स्थित है। गोहाना से करीब बारह किलोमीटर की दूरी पर बसा है। कथूरा गांव बरोदा हलका के बड़े गांवों में शामिल है। गांव का इतिहास काफी प्राचीन है। ग्रामीण नवीन ने बताया कि उनके पूर्वज राजस्थान से यहां आए थे। मान्यता है कि प्रदेश के सभी नरवाल गोत्र के गांवों की निकासी कथूरा गांव से ही हुई है। गांव में आस्था का केंद्र प्राचीन शिव मंदिर भी है। शिव मंदिर में शिवरात्रि के उपलक्ष्य में हरिद्वार और गंगोत्री से गंगाजल के साथ शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।
कबड्डी खेल ने दी गांव को प्रसिद्धि
कथूरा गांव को खेल गांव कहा जाता है। इसके पीछे कबड्डी खेल में गांव के युवाओं का समर्पण है। गांव ने प्रो कबड्डी की प्रत्येक टीम को खिलाड़ी दिए हैं। इसके अतिरिक्त एशियार्ड खेलों में कबड्डी में गांव के युवाओं ने देश का प्रतिनिधित्व तक किया है। आईजी ओमप्रकाश नरवाल भी कथूरा गांव से ही हैं। उन्होंने वर्ष 1990 में कबड्डी एशियार्ड खेला था। इसके अतिरिक्त गांव के ही खिलाड़ी मनीष ने पेरा ओलंपिक में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
गांव में सुविधाएं
सरपंच निशा नरवाल ने बताया कि गांव में शिक्षा के लिए चार सरकारी स्कूल हैं। युवाओं की खेल प्रतिभा निखारने के लिए चार खेल ग्राउंड हैं। पेयजल के लिए दो जलघर, दो लाइब्रेरी, पशु अस्पताल, बीडीपीओ कार्यालय और बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी क्षमता का सब-स्टेशन बना हुआ है।
कथूरा गांव बडे गांव में आता है। यहां की जनसंख्या-15000 है। उसके बावजूद गांव की सडक़े जर्जर हाल में हैं। गांव से गुजर रहा महम मार्ग राज्य राजमार्ग है। उसके बावजूद सडक़ की हातलत जर्जर है। बारिश के मौसम में मार्ग तालाब में तबदील हो जाता है। जिससे गांव की छवी पर सवाल खडे होता हैं।
पंचायत का लेखा-जोखा
जनसंख्या – 15000
साक्षरता दर – 90 प्रतिशत
पहचान – कबड्डी खेल व बाबा माड़ू नाथ मंदिर
प्रमुख फसलें – गेहूं और धान
आय का स्त्रोत – कृषि, पशुपालन व नौकर