तामपान बढता रहा तो सब्जियों के भाव होंगे महंगे।
पालक-धनिया की पौध हो रही खराब
भीषण गर्मी की वजह से खेती से होने वाली आमदनी में हो रहा नुकसान।
नुकसान से बचने के लिए बागवाणी के अधिकारियों से मार्गदर्शन ले सब्जी उगाने वाले किसान
हरियाणा उत्सव के लिए भंवर सिंह की खास रिपोर्ट
हरियाणा के साथ-साथ उतर भारत के लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड रहा है। आसमान से आग बरस रही है। आग बरसती गर्मी से बचने के लिए स्कूलों की छूट्टी कर दी गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार अभी कुछ दिन ओर गर्मी से राहत नहीं है। सुबह से ही सूर्य देव अपना रोदर रूप दिखा रहा है। सुबह के समय ही आग बरसने लगती है। सोनीपत जिले में करीब 48 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया है। आग बरसाती गर्मी से आमजन के साथ-साथ पशु-पक्षी भी परेशान हैं। इस भीषण गर्मी से कई तरह की सब्जी की फसलें खराब हो चुकी हैं और कई तरह की फसलों की पैदावार प्रभावित हो रही है। जिससे सब्जी उगाने वाले किसानों को नुकसान का सामना करना पड रहा है।
बागवानी विभाग के अधिकारी डा. हरपाल सिंह के अनुसार भीषण गर्मी के चलते टमाटर, शिमला, टिंडा और पालक व धनिए की पौध बिल्कुल खराब हो चुकी हैं। वहीं खरबूजा और तरबूज पिलपिले हो चुके हैं। तापमान ज्यादा होने से खरबूजा और तरबूज एकदम से कप चुके हैं और इनको स्टोर भी नहीं किया जा सकता। घीया, तोरी, टिंडा, कक्कडी, करेला आदि सब्जी की फसलों को बचाने के लिए सिंचाई नियमित रखनी होगी। बेल वाली फसलों को खराबे से बचाने के लिए शाम के समय सिंचाई करनी चाहिए। इन फसलों की पैदावार प्रभावित हो रही है। पेदावार में बहुत कमी देखने को मिल रही है।
-सब्जी वाली फसलों को जोखिम मुक्त करने के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं चलाई गई है।
नुकसान से बचने के लिए किसानों को मुख्यमंत्री बागवाणी बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। सात सौ से एक हजार रुपये में सब्जी वाली फसलों का बीमा हो जाता है। नुकसान होने पर 30 सये 40 हजार रुपये का मुआवजा भी मिलेगा।
इसके अलावा भावांतर भरपाई योजना में रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। किसानों को नुकसान से बचने के लिए योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कराने से पहले मेरी फसल मेरा ब्योरा में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। उसके बाद आपको लाभ मिलेगा।
आग बरसती गर्मी में कई सब्जी की फसले खराब हो चुकी हैं। जिसमें टमाटर और शिमला मिर्च की फसल लगभग खराब हो चुकी हैं। फसलों को खराबे से बचाने के लिए शाम के समय ही सिंचाई करें। इसके अलावा मुख्यमंत्री बागवाणी बीमा योजना और भावांतर भरपाई योजना के साथ-साथ मेरी फसल मेरा ब्योरा में रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। ताकि नुकसान से बचा जा सके।
डा. हरपाल सिंह,बागवाणी विभाग के अधिकारी