केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले बोले- जातिगत आधार पर जनगणना होना जरूरी, पिछड़ों को मिले आरक्षण का अधिक लाभ
हरियाणा उत्सव, बीएस बोहत
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने जनगणना को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. रामदास अठावले का कहना है कि जातिगत आधार (Caste-based census) पर जनगणना की जानी चाहिए, इससे समाज के हर तबके को सहायता पहुंचाने में आसानी होगी.
रविवार को विश्व जनसंख्या दिवस (Population Day) के मौके पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने ये बयान दिया. उन्होंने कहा कि जनगणना को किसी भी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, बल्कि जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए.
रामदास अठावले ने कहा कि इससे सभी जातियों (Caste) का प्रतिशत पता चल जाएगा. इसके लिए मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और जनगणना आयोग से भी बात करने वाला हूं. रामदास अठावले ने तर्क दिया कि अगर जाति के आधार पर जनगणना होती है, तो समाज के हर तबके को योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आसानी होगी.
केंद्रीय मंत्री ने मांग करते हुए कहा कि जो लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें अधिक आरक्षण (Reservation) देने की ज़रूरत है. हालांकि, उन्होंने कहा कि आरक्षण को 50 फीसदी से अधिक नहीं किया जा सकता है, लेकिन सामाजिक न्याय के लिए कुछ कोटा बढ़ाने की ज़रूरत है.
जनसंख्या नीति पर जारी है चर्चा
आपको बता दें कि जनगणना और जनसंख्या के मसले पर रामदास अठावले का ये बयान तब आया है, जब देश के कुछ राज्यों में जनसंख्या कंट्रोल को लेकर नए कानून बनाने पर चर्चा की जा रही है. उत्तर प्रदेश और असम ने हाल ही में नई जनसंख्या नीति पर ज़ोर दिया है.
दोनों ही राज्यों की ओर से जनसंख्या को कंट्रोल करने को लेकर कदम उठाने की बात कही गई है. साथ ही दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने की बात कही गई है. हालांकि, अभी ये सब सिर्फ चर्चा का ही विषय है.
(एजेंसी से इनपुट)