जिला बाल संरक्षण कार्यालय ने आम जनमानस से की पुस्तकें दान करने की अपील
– जरूरतमंद बच्चों को करवायेंगे पुस्तकें उपलब्ध, पाठ्यक्रम सहित अन्य पुस्तकों की जरूरत
हरियाणा उत्सव/ सोनीपत
ज्ञान के प्रकाश से सबका घर-संसार रोशन होना चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ जिला बाल संरक्षण कार्यालय (डीसीपीओ) ने आम जनमानस से जरूरतमंद बच्चों के लिए पुस्तकें दान करने की अपील की है। पाठ्यक्रम के साथ-साथ अन्य ज्ञानवद्र्धक पुस्तकें डीसीपीओ कार्यालय में जमा करवाई जा सकती हैं, जिन्हें बाल देखभाल केंद्रों में रह रहे जरूरतमंद बच्चों को उपलब्ध करवाया जाएगा।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. रितु गिल व बाल संरक्षण अधिकारी (संस्थानिक) ममता शर्मा ने जरूरतमंद बच्चों के लिए किताबें एकत्रित करने की अनूठी एवं अनुकरणीय पहल की है। बाल देखभाल केंद्रों में रहने वाले बालक-बालिकाओं के अध्ययन के लिए किताबों की आवश्यकता रहती है, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उन्होंने इसकी शुरुआत की। व्हाट्सऐप के माध्यम से उन्होंने अपने संपर्क के लोगों से किताबें दान देने की मांग की, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. रितु गिल कहती हैं कि किसी भी समाज व राष्ट्र का उत्थान शिक्षा से ही संभव है। ज्ञान बांटना चाहिए। इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। बाल देखभाल केंद्रों में रहने वाले बच्चों की इस जरूरत को पूरा करने के लिए कार्यालय में बुक बैंक स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए आम जनमानस से पुस्तकें दान करने की अपील की जा रही है। कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी एकजुटता के साथ इस कार्य में जुट गए हैं। वे घर-घर जाकर तथा अपने घर-परिवार के लोगों और मित्रों से पुस्तकें दान में ले रहे हैं। एकत्रित की जाने वाली पुस्तकों को बाल देखभाल केंद्रों में प्रेषित किया जाएगा।
बाल संरक्षण अधिकारी (संस्थानिक) ममता शर्मा ने कहा कि शिक्षा के सहारे जीवन में कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित किया जाना बेहद जरूरी है। पाठ्यक्रम के अलावा उन्हें अन्य प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन भी करना चाहिए, ताकि उनका मानसिक विकास हो। उन्हें विभिन्न प्रकार के विषयों की समझ होनी चाहिए। इसके लिए लोगों से पहली से 12वीं तक की हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड तथा सीबीएसई की पुस्तकें एकत्रित की जा रही हैं। साथ ही ज्ञानवद्र्धक एवं संदेशवाहक पुस्तकें भी मांगी जा रही हैं। इस पुनीत यज्ञ में लोग आहुति डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम की पुस्तकें केवल बाल देखभाल केंद्र ही नहीं अपितु अन्य जरूरतमंद बच्चों को भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
सोशल वर्कर कविता तथा बबीता और रवीता ने एक स्वर में कहा कि यह बेहतरीन शुरुआत है। वे पिछले दो सप्ताह से लोगों को पुस्तकें दान करने की अपील की रही हैं। कुछ लोगों ने पुस्तकें देने का भरोसा भी दिया है तो कुछ ने दी भी है। वे स्वयं भी अपने पास से किताबें कार्यालय को उपलब्ध करवा रही हैं। बीपीएस महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां में सोशल वर्क विभाग की एचओडी डा. मंजू पंवार तथा रवीता और सेक्टर-14 की दीपिका परूथी ने कार्यालय को किताबें उपलब्ध करवाई हैं, जिनमें विभिन्न विषयों की पुस्तकें शामिल हैं। बच्चों से संबंधित पुस्तकें व उनको प्रेरित करने वाली पुस्तकें इनमें प्रमुख रूप से शामिल रही हैं।
बाल संरक्षण अधिकारी (संस्थानिक) ममता शर्मा ने लोगों से अपील की कि वे लघु सचिवालय के तृतीय तल स्थित जिला बाल संरक्षण कार्यालय में पुस्तकें प्रदान कर सकती हैं। किताबों के माध्यम से बच्चों के जीवन की दिशा व दशा बदली जा सकती है। किताबें मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाती हैं। जीवन की हर प्रकार की स्थिति में किताबों से पे्रेरणा, प्रोत्साहन, सहयोग व मार्गदर्शन लिया जा सकता है। किताबें व्यक्ति की बेहतरीन मित्र साबित हो सकती हैं। किताबों से मानव का अकेलापन भी दूर होता है। इसलिए लोग बढ़-चढक़र किताबें दान करें।