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हरियाणा पुलिस के जवान सुशील का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, लोगों ने दी श्रद्धांजलि

फोटो-सुशील कुमार को श्रद्धासुमन भेंट करते हुए एसपी राहुल शर्मा व अन्य पुलिस अधिकारी।

हरियाणा पुलिस के जवान सुशील का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, लोगों ने दी श्रद्धांजलि
हरियाणा उत्सव/ बीएस बोहत

हरियाणा पुलिस में कार्यरत एसआई सुशील कुमार का बुधवार को गांव आहुलाना में सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सुशील के अंतिम संस्कार में पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल शर्मा व सैकड़ों ग्रामीणों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।

फोटो- स्वजनों को ढांढस बंधाते हुए एसपी राहुल व अन्य ग्रामीण।
फोटो- स्वजनों को ढांढस बंधाते हुए एसपी राहुल व अन्य ग्रामीण।

हरियाणा के जिला सोनीपत के गोहाना तहसील के गांव आहुलाना निवासी सुशील कुमार (57) पुत्र धीरा हरियाणा पुलिस में एसआई के पद पर कार्यरत थे। वह लंबे समय से बीमारी से पीडि़त थे। एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। मंगलवार को उन्होंने घर पर आखरी सांस ली। सुशील कुमार बचपन से ही पुलिस की नौकरी को पसंद करता था। करीब 1988 में सुशील कुमार हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए। पुलिस में रहते हुए इन्होंने अपनी ड्यूटी को जिम्मेदारी से निभाया। वह अपनी ड्यूटी के प्रति निष्ठावान रहे। सुशील कुमार एसआई तक पदोन्नत हुए। इस दौरान वह एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो गए। उपचार के लिए उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। उपचार के बाद सोमवार को चिकित्सकों ने उसे घर भेज दिया। आठ फरवरी मंगलवार देर शाम को उनका निधन हो गया। बुधवार दोपहर को गांव के शमशान भूमि पर उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा व एएसपी निकिता खट्टर ने पुष्पचक्र भेंट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

पुलिस के जवानों ने राउंड फायरिंग करके उनको सम्मान दिया। सुशील कुमार अपने पीछे बेटा सचिन, पत्नी मालती देवी व माता चमेली देवी को छोड गए। इस मौके पर आहुलाना बारहा के प्रधान मलिकराज मलिक, डा. सेशन मलिक, गजे सिंह, सतीश कुमार, पालेराम, धर्मबीर, मोनू आदि मौजूद रहे।

-डेढ़ साल के भीतर चारों बहन-भाइयों का हुआ निधन, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा
सुशील कुमार के दो भाई और एक बहन थी। सुशील कुमार चारों बहन-भाइयों में सबसे बड़े थे। चारों-बहन भाईयों की शादी हो चुकी थी। पिता धीरा के निधन के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी सुशील कुमार के कंधों पर थी। इस दौरान वह पुलिस में भर्ती हो चुके थे। अपने छोटे भाई बिजेंद्र उर्फ बोबली को भी पुलिस में भर्ती कराया। दोनों भाई पुलिस में कार्यरत और छोटा भाई अजीत सिंह शिक्षा विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। करीब डेढ साल के भीतर तीनों भाईयों का निधन हो गया। बहन बाला का पहले ही निधन हो चुका था। सुशील के चचेरे भाई व पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। 12 मार्च 2019 को सबसे छोटे भाई अजीत सिंह का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। मई 2021 में बीचले भाई बिजेंद्र उर्फ बोबली का बीमारी के दौरान हृदय गति रुकने से निधन हो गया। करीब आठ माह बाद (8 फरवरी 2022) को बीमारी के दौरान सुशील कुमार का भी निधन हो गया। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार को ढांढस बंधाने के लिए ग्रामीणों के पास शब्द नहीं है।

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