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30 रुपए सस्ता मिल सकता था पेट्रोल, लेकिन सुशील मोदी ने तोड़ी देशवासियों की उम्मीद

आपको 30 रुपए सस्ता मिल सकता था पेट्रोल, लेकिन सुशील मोदी के बयान से 8-10 साल के लिए टूटी उम्मीद

हरियाणा उत्सव, नई दिल्ली/ BS Bohat/

Source- https://www.bhaskar.com

अगर पेट्रोल-डीजल आधे दाम में मिलने लगे तो आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। ये संभव हो सकता है, अगर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाए। लेकिन बुधवार को BJP नेता सुशील मोदी ने राज्यसभा में बड़ा बयान देते हुए इस उम्मीद पर 8-10 साल के लिए पानी फेर दिया।

सुशील मोदी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे लाना 8 से 10 साल तक संभव नहीं है। अगर इन्हें GST के दायरे में लाया जाता है, तो राज्यों को 2 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल से केंद्र और राज्य सरकारों के खजाने में 5 लाख करोड़ रुपए आते हैं। ये बयान कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से राहत की उम्मीद को खत्म करने वाला है। सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि GST काउंसिल की अगली बैठक में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने पर चर्चा होगी।

 

*पेट्रोल 75 रुपए और डीजल 68 रुपए लीटर मिलना मुमकिन
SBI के अर्थशास्त्रियों की तरफ से आई रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पेट्रोल और डीजल को GST के तहत लाया जाता है तो देश में पेट्रोल की कीमत 75 रुपए और डीजल की कीमत 68 रुपए प्रति लीटर पर आ सकती है। इसका मतलब यह है कि पेट्रोल 15 से 30 रुपए प्रति लीटर और डीजल 10 से 20 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो जाएगा।

SBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि GST लागू होने के बाद कच्चे तेल की कीमतों के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत कितनी रहेंगी। इसके अनुसार अगर कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल है तो पेट्रोल 75 रुपए और डीजल 68 रुपए प्रति लीटर पर मिलेगा। फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें 63 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं।

*इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल भी फिसला
कोरोना का असर क्रूड ऑयल पर भी पड़ा है। करीब 6 हफ्ते बाद ब्रेंट क्रूड के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गए हैं। पिछले 15 दिन में कच्चा तेल 11% फिसला है। हालांकि, पिछले साल से तुलना करें तो मार्च 2020 में कच्चा तेल 25 डॉलर प्रति बैरल था, जो अभी 63 डॉलर प्रति बैरल पर है।

अभी कैसे तय हो रही हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
मौजूदा कर व्यवस्था में हर राज्य अपने हिसाब से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाता है। केंद्र भी अपनी ड्यूटी और सेस अलग से वसूल करता है। पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइज अभी करीब 32 रुपए है। इस पर केंद्र सरकार 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी ले रही है। इसके बाद राज्य सरकारें अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं। इससे इनकी कीमत बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गई हैं।

दिल्ली और महाराष्ट्र की मांग
दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग की है। महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार का कहना है कि इससे राज्य सरकारों के साथ केंद्र को भी फायदा होगा। पेट्रोल के दाम 100 रुपए के ऊपर जाने से लोग परेशान हैं। वहीं महंगा डीजल ट्रांसपोर्ट समेत दूसरी जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ाने का काम कर रहा है।

GST पर नेताओं के बयान
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए GST काउंसिल की सिफारिश जरूरी है। अब तक काउसिंल की तरफ से ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। किसी भी चीज पर GST लगाने या हटाने या उनकी दरों में बदलाव करने के लिए GST काउंसिल में फैसला लिया जाता है। GST काउसिंल देश के वित्त मंत्री की अगुवाई में फैसला लेती जै, जिसमें राज्यों के भी वित्त मंत्री शामिल होते हैं।

पिछले महीने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने पर केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि ये GST काउंसिल का विषय है। पेट्रोलियम इंडस्ट्री की तरफ से हम पहले दिन से इसके लिए अनुरोध कर रहे हैं। धीरे से पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST की ओर ले जाना पड़ेगा।

GST से केंद्र और राज्यों के खजाने पर असर
अगर पेट्रोल-डीजल पर GST लागू होता है तो केंद्र की तरफ से लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार का वैट हट जाएगा। इसके बाद 28% GST लगाया जाएगा। इसमें 14% केंद्र और 14% राज्य सरकार के खजाने में जाएगा। अभी केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32.90 और डीजल पर 31.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूलता है। लेकिन GST के बाद ये पेट्रोल पर 5.21 रुपए और डीजल पर 5.28 रुपए रह जाने की संभावना है।

वहीं अगर राज्य सरकार की बात करें तो कई राज्य सरकारें पेट्रोल पर 30% से ज्यादा का वैट वसूलते हैं। दिल्ली में पेट्रोल पर 30% और डीजल पर 16.73% वैट वसूला जाता है। ये पेट्रोल पर 21.04 और डीजल पर 11.94 रुपए है। इससे राज्य सरकार को पेट्रोल-डीजल से होने वाली कमाई 200% से भी कम हो जाएगी। साल 2020-21 के पहले 10 महीने में ही सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 2.94 लाख करोड़ रुपए कमा चुकी है।

Source- https://www.bhaskar.com

 

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