अर्थव्यस्था धडाम, केंद्र और राज्य सरकारों में भिडंत
सरकार संवैधानिक प्रतिबद्धता से क्यों पीछे हट रही है
हउ-गोहाना
फिलहाल मोदी सरकार पर राज्यों की तीन लाख करोड़ रुपए की राशि बकाया है| केंद्र के पास नकदी नहीं है और यही केंद्र और राज्यों की आपसी भिडंत के कारण है, न सिर्फ विपक्ष शासित राज्यों में, बल्कि उन राज्यों में भी, जहां बीजेपी की सरकार है।
जीएसटी कानून राज्यों को इस बात का भरोसा दिलाता है कि 2022 तक हर साल उनके राजस्व में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. अगर टैक्स में उनकी हिस्सेदारी नहीं बढ़ती तो केंद्र सरकार इस कमी की भरपाई करेगी. पर यह पैसा कहां से आएगा? ‘सिन्स’ और ‘डीमेरिट’ गुड्स जैसे तंबाकू और लग्जरी कारों पर वसूले जाने वाले विशेष मुआवजा सेस से.
मोदी सरकार की कृपा से लोगों के पास सिन यानी पाप करने लायक पैसा है ही नहीं. इसलिए केंद्र के पास इतना पैसा जमा नहीं हो पाया कि वह राज्यों को जीएसटी मुआवजा चुका सके.
राहुल गांधी कर चुकें हैं गिरती अर्थव्यवस्था की आलोचना
राहुल गांधी कई बार टविट कर गिरती अर्थव्यवस्था की आलोचना कर चुके हैं, लेकिन गोदी मीटिया जनता का ध्यान भटकाने में जुटी हुई है।