December 22, 2024
Special Person

Gohana DCP RS Tomar ने इंटरव्यू में बताई गोहाना को भैय मुक्त बनाने की योजना

Interview Of HPS RS Tomar
महिला-बच्चे व बुजुर्गों को न्याय दिलाना और गोहना को भैय मुक्त बनाना प्राथमिकता।

HPS RS Tomar, DCP, Gohana 

एचपीएस आरएस तोमर का व्यक्तिगत परिचय
एचपीएस आरएस तोमर का जन्म हरियाणा के हिसार सिटी में हुआ। हाल में गोहाना में बतौर डीसीपी के पद पर कार्यरत हैं। इनके पिता स्वर्गीय महेंद्रपाल सिंह तोमर मिल्क प्लांट में सीइओ के पद पर कर्यारत थे। माता स्वर्गीय रतन कौर ग्रहणी थी। पिता महेंद्रपाल तोमर अंबाला के नारायणगढ स्थित मिल्क प्लांट में कार्यरत थे। अंबाला में सेना का मुख्यालय है। आरएस तोमर बचपन में सैनिकों को देखकर बहुत खुश होते थे। प्लांट के मुख्य गैट के सामने से गुजरते सैनिकों को सैल्युट भी करते थे। कुछ सैनिक छोटे बच्चे को सैल्युट करता देख बच्चे के पास पहुंच जाते थे और उनके साथ हाथ मिलाते थे। यहीं से आरएस तोमर के मन में सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने की भावना पैदा हुई। इन्होंने 1984 में गोपीचदं भार्गव सिनियर माडल स्कूल से दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की। गवर्नमेंट कॉलेज हिसार से ग्रेजुएशन की। इन्होंने तीन बार लेफ्टिनेंट के इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन किसी कारणवश सेना में भर्ती नहीं हो पाए। लेकिन मन में एक जुनुन था कि बैल्ट (वर्दी पहनकर) ही देश की सेवा करनी है। पुलिस की तैयारी में जुट गए। मेहनत रंग लाई और 1995 में हरियाणा पुलिस में बतौर एएसआई भर्ती हुए।

-बेहतर सेवाएं देने पर लगातार प्रमोशन का सफर
हरियाणा पुलिस में 1995 में एएसआई से कमांडों भर्ती हुए। 1998 में एसआई प्रमोट हुए और फतेहबाद सिटी थाना पहुंचे। 2005 में बतौर एसएचओ प्रमोट हुए। करनाल सिविल, विजिलेंस सिरसा, नरवाना, कैथल सिटी में बतौर एसएचओ सेवाएं दी। 2010 में डीएसपी प्रमोट हुए। प्रथम गनौर, हैडक्वाटर कैथल, कुरुक्षेत्र सिटी में बतौर डीएसपी सेवाएं दी। 2011 में बतौर एसीपी प्रमोट हुए। गुरुग्राम ट्रैफिक, हैडक्वाटर कैथल, फरीदाबाद, तीगांव और टोहाना, खरखौदा, मेहम, डीएसपी हैडक्वाटर, सिरसा हैडक्वाटर, फरीदाबाद व कुरुक्षेत्र सिटी में बतौर डीएसपी सेवाएं दी। 2020 में डीसीपी प्रमोट हुए। गुरुग्राम ट्रैफिक, एसपी स्टेट क्राइम, पंचकुला, 2023 में 5वीं बटालियन मधुबन। उसके बाद फारवरी 2024 से गोहाना में बतौर डीएसपी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

-एसआई की ट्रैनिंग के दौरान ट्रिपल एक्स रैंक प्राप्त की।
आरएस तोमर 1997 में एएसआई से एसआई प्रमोट हुए। बीएसएफ द्वारा संचालित ऑल इंडिया पुलिस कोर्स (ट्रैनिंग सेंटर) में पहुंचे। इन्होंने अपने बैच में ट्रैनिंग के दौरान ट्रिपल एक्स रैंक प्राप्त किया था। आरएस तोमर बहुत अच्छे धावक भी रहे हैं।
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कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध को रोकने और पीडि़तों को न्याय दिलाने में पुलिस की अहम भूमिका होती है। गरीब, सामान्य व अमीर पीडि़त लोगों को पुलिस ने न्याय की बहुत उम्मीद भी होती है। काफी ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए पीडि़तों को न्याय दिलाने में मुख्य भूमिका भी निभाई है। दूसरी तरफ कई ऐसे मामले भी सुर्खियों में आते रहते हैं जिनमें पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं। पिछले कुछ अर्से में क्षेत्र में लूट की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें कुछ मामले सुलझाए जा चुके हैं और कुछ मामले अभी भी अनट्रेस हैं। पुलिस की छवि जनता में और बेहतर बनाने, आपराधिक घटनाओं और गैंगवार को रोकने व आम जनता को भयमुक्त माहौल के लिए पुलिस प्रशासन के क्या प्रयास रहेंगे इन मुद्दों को लेकर हरियाणा उत्सव के मुख्य संपादक भंवर सिंह ने गोहाना के डीसीपी आरएस तोमर से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश-


लूट, डकैती व चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रयास रहेगा?
लोगों को खासकर युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी। युवा गलत संगत में आकर कम समय में अमीर बनने के सपने देखते हैं। ऐसे ही युवा अपराध की तरफ बढ़ते चले जाते हैं और अपना भविष्य बर्बाद कर लेते हैं। वैसे पुलिस प्रशासन लूट, डकैती व चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सबसे पहले लुट, डकैती में शामिल व चोरों का रिकार्ड निकाला जाता है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में दिन व रात के समय गश्त बढ़ाई गई है। आपराधिक लोगों का रिकार्ड तैयार किया जाता है। उनके बारे में फीडबैक लिया जाएगा कि अब वे क्या कर रहे हैं। इसके अलावा वाहन चोरी रोकने के लिए गई बार बोवी ट्रायल भी किया जाता है। यह चोरों को पकडने के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।


भैय पैदा करने वाली पटाखा बुलेट मोटराइकिल और शरारती तत्व पर लगाम लगाने क्या प्रयास हैं?
वाहनों को व्यवस्थित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात है। संबंधित थानों-चौकियों की पुलिस वाहनों जांच करती रहती है। पटाखा बुलेट मोटरसाइकिल मिलने पर उसका चालाना या उसे इंपाउंड कर दिया जाता है। इकसे लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज की छुट्टी के समय पुलिस मुश्तेद रहती है। क्षेत्र में विभिन्न नाके लगाए गए हैं। ताकि शरारती तत्वों से शक्ति से निपटा जा सके। यातायात नियमों की जानकारी के लिए स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं।


गोहाना में व्यापारी वर्ग व आमजन असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, वे सुरक्षित महसूस करे इसके लिए क्या प्रयास हैं?
गोहाना के लोगों को असुरक्षित महसूस करने की जरूरत नहीं। पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है। कोई भी क्राइम होने पर पूरे जिले की पुलिस अलर्ट मोड में आ जाती है। जिले भर में नाकेबंदी कर दी जाती है। वांटेड लोगों को पकड़ा जाता है। अपराध में शामिल लोगों को सजा दिलाना पुलिस की जिम्मेदारी है। ट्रिपल राइडिंग को रोका जा रहा है। अपराध रोकने और आपरोपियों को पकडऩे के लिए हमारी तीन टिमें अलर्ट मोड में रहती हैं। अपनी सुरक्षा के लिए 112 नंबर पर डायल कर सकते हैं। हमारी पुलिस तुरंत आपकी शिकायत पर एक्शन लेगी। किसी भी संदिग्ध दिखाई दे, तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दे। ताकि अपराध को प्राथमिक दौर में ही रोका जा सके। गोहाना को भैयमुक्त बनाना प्राथमिकता रहेगी।


गैंगवार पर लगाम लगाने के लिए क्या प्रयास हैं?
ज्यादातर गैंगवार का जन्म आपसी रंजीशों के चलते होता है। गैंगवार को रोकने के लिए समाज की अहम भूमिका होती है। गांव के सरंपच व शहर में सामाजिक लोगों की बैठक ली जाती है। अपराध को रोकने में समाज का सहयोग लिया जाता है। ताकि गैंगवार की जड़ को ही खत्म किया जा सके। इसके अलावा वांटेड लोगों का रिकार्ड निकाला जाता है। उसी के आधार पर पुलिस कार्य करती है। अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर नजर बनाए रखते हैं। किसी भी अपराध में संलिप्ता मिलने पर उन्हें जेल भेज दिया जाता है।


बच्चे-महिला व बुजुर्गों पर हो रहे अपराध को रोकने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए क्या प्रयास हैं?
अगर आपके आसपास किसी बच्चे, महिला या बुजुर्ग के साथ गलत हो रहा है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। बच्चे, महिला या बुजुर्ग भी 112 नंबर पर डायल कर सकते हैं। एक कॉल दूर पुलिस तैनात रहती है। महिलाओं के मामलों से निपटने के लिए क्षेत्र में दो महिला थाने हैं। थानों-चौकियों में आने वाली शिकायतों को प्राथमिकता से निपटाया जाता है। इसके लिए सभी थानों और चौकियों के प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। बच्चे, महिला और बुजुर्गों की शिकायातों की तुरंत प्रभाव से सुनवाई होती है। इस मामले में किसी भी प्रभारी या जांच अधिकारी की लापरवाही मिलती है तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाती है।

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