पंजीकृत मछली पालक को मिलेगा लाभ
मछली पालक का पंजीकरण शुरू
सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को देगी बड़ी सौगात
हरियाणा उत्सव , गोहाना, भंवर सिंह
मछली पालक को भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिस प्रकार कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। उसी प्रकार मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन होने के बाद मछली पालक को सीधा लाभ उनके बैंक खाते से मिलेगा। यह रजिस्ट्रेशन प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के तहत नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
मत्स्य विभाग के अधिकारी राजेश हुड्डा के अनुसार मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के लिए मात्र दो से तीन दस्तावेज अपने साथ लाने होंगे। दस मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है। उसके बाद किसान को एक स्थाई रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है। इसी नंबर के आधार पर किसान को योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिले में करीब 350 मत्स्य किसान हैं। जिसमें से करीब 125 मछली पालक किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। किसान मत्स्य विभाग में पहुंचकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। गोहाना मत्स्य विभाग की टीम में फिशरमैन कम वॉचमैन संदीप हुड्डा, संदीप मान, कंप्यूटर ओपरेटर विकास मलिक आदि किसानों को रजिस्ट्रेशन के लिए जागरूक कर रहे हैं।
-रजिस्ट्रेशन के लिए इन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
मछली पालकों को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक तथा आधार लिंक मोबाइल नम्बर की जरूरत है।
मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। उसके बाद आप पंजिकृत हो जाएंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद शुरू में अस्थायी प्रमाण पत्र मिलेगा। किसान का मत्स्य विभाग से सत्यापन पश्चात स्थायी प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। प्रदेश में मत्स्य किसानों का एनएफडीपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है।
-एससी किसानों को मिलेगी 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी
मत्स्य अधिकारी राजेश हुड्डा ने बताया कि एससी मछली पालकों को बढावा देने के लिए कई योजनाएं हैं। जिसमें उनको 60 प्रतिशत तक का सबसिडी (अनुदान) दिया जाती है।
पट्टे पर लिए गए तालाब की राशि का 50 प्रतिशत अनुदान। यह पहले साल का अनुदान रहेगा। उसके बाद 2 से 5 साल तक यह सब्सिडी 40 प्रतिशत तक हो जाएगी। इसके अलावा जाल खरीदने और मछलियों के लिए
फीड पर 60 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा।