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गोहाना निकाय चुनाव: कांटे की टक्कर में तीसरा मार सकता है बाजी

-दिग्गजों में चुनाव तुला तो चौकाने वाला होगा गोहाना का परिणाम
हउ, गोहाना: (भंवर सिंह)

हरियाणा में नगर निकाय चुनाव में चेयरमैन के सभी प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जीत सुनिश्चत करने के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दिए हैं। अपने-अपने पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे हैं। प्रत्याशी घर-घर पहुंच रहे हैं। वहीं गोहाना की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसकी चर्चा शहर के पार्कों और नुकडों पर आम हो चुकी है। लोगों में जातीय गणित पर चर्चा आम बनी हुई है। पंजाबी वोट बराबर-बराबर तुली तो तीसरा उम्मीवार बाजी मार सकता है। गोहाना की चेयरमैनी पर अधिक्तर पंजाबी समुदाये नेताओं का कब्जा रहा है।

चुनाव जातीय आधारित माने जाते हंै। गोहाना में करीब 46950 मतदाता हैं, जिसमें सबसे अधिक पंजाबी समुदाय की वोट हैं। दूसरे नंबर पर एससी (धानक) समाज के मतदाता हैं। तीसरे नंबर पर जाट और ब्राह्मण उसके बाद कई जातीयों की वोट बराबर-बराबर हैं। आसान भाषा में समझा जाए तो गोहाना में सामान्य वोट 40 प्रतिशत और एससी-बीसी समाज की 60 प्रतिशत वोट हैं। ऐसे में एससी-बीसी की 50 प्रतिशत वोट लेने वाला उम्मीवार मेहता-विरमानी और जैन जैसे दिग्गज नेताओं को चकमा देकर गोहाना की कुर्सी पर कब्जा कर सकता है।

जातीय वोटों का गणित शुरू
गोहाना चेयरमैन की कुर्सी के लिए पंजाबी समुदाय से दो दिग्गज नेता आमने-सामने हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन की सांझी उम्मीदवार रजनी विरमानी पूर्व में चेयरपर्सन रह चुकी हैं। उनके सामने पूर्व में दो बार चेयरमैन रहे सुनील मेहता चुनाव मैदान में हैं। दोनों में पंजाबी समुदाय की वोट अपने-अपने पक्ष में करने की होड लगी हुई है। दोनों प्रत्याशी पंजाबी वोटों को 50/50 लेने में कामयाब हुए तो दोनों दिग्गज नेताओं का खेल खराब होने की संभावना है। दोनों में से एक की जीत पंजाबी समुदाय की वोट तय करेंगी। पंजाबी वोट मेजोरिटी में एक तरफ गई तो पंजाबी समुदाय से ही चेयरमैन बनने की प्रबल संभावना है। यहां पर जाट वोट भी निर्णायक हो सकते हैं। जाट समुदाय की वोट मेजोरिटी में हुड्डा के ईशारे पर किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में जाने की संभावना है। वह सुनिल मेहता या राजकुमरा शर्मा हो सकते हैं। राजकुमार शर्मा भी पूर्व में चेयरमैन रह चुके हैं। यह ब्रहमण व अन्य वोटों के अलावा एससी-बीसी वोटों को साधने में लगे हुए हैं।
-अशोक जैन आप पार्टी की टिकट पर चुनाव खेल रहे हैं। अशोक जैन बनिया समाज की वोटों को मेजोरिटी में ले सकते हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की नीतियों के बल पर वोट मांग रहे हैं। आप पार्टी की नीतियों से प्रभावित वोटर अशोक जैन की तरफ जाएगा। संभावना: अशोक जैन पंजाबी वोटों में सेंधमारी कर पाए तो जीत के करीब पहुंच सकते हैं।

जाट समुदाय से दो उम्मीवार मैदान में हैं। सूरज सांगवान और प्रतीक लठवाल। दोनों उम्मीदवार चेयरमैन चुनाव के माध्मय से अपनी-अपनी अच्छी पहचान बना सकत हैं। दोनों उम्मीदवार जाट वोटों और सासान्य वोटों को साधने में जुटे हुए हैं।
ये था सामान्य वोटों का गणित

एससी-बीसी वोटों का दूसरा गणित
एससी बीसी वोटों की बात करें तो गोहाना में करीब 60 प्रतिशत वोट एससी बीसी हैं। जिसमें सबसे अधिक एससी (धानक) समाज की वोट हैं। जिसमें धानक समाज से अरुण निनानिया पिछले काफी समय से चुनाव मैदान में हैं। वैसे तो एसी उम्मीदवार बबीता खटक भी है। लेकिन वह पहले पार्षद का चुनाव भी लड चुकी हैं। उनके मुकाबले अरुण निनारिया बहुत मजबूत दिखाई दे रहे हैं। अरुण निनानिया लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) की टिकट पर चुनाव खेल रहे हैं। अरुण निनानिया युवा हैं और उनके साथ युवाओं का अच्छा खासा समर्थन है। अरुण निनानिया एससी-बीसी की 50 प्रतिशत वोट लेने में कामयाब रहे तो जीतने की पूरी संभावना है। इनके अलावा मनीष जाले, नीतेष भी चुनाव मैदान में हैं।

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