एमबीबीएस की फीस वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
हरियाणा उत्सव, पंचकूला :
हरियाणा सरकार द्वारा एमबीबीएस की पढ़ाई में फीस वृद्धि तथा छात्रों से बांड भरवाए जाने के फैसले पर रोक लगाने के लिए कांग्रेस ने पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी चंद्रमोहन तथा विधायक कालका प्रदीप चौधरी की अध्यक्षता में जिला उपायुक्त को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप निर्णय को वापस लेने की मांग की गई। चंद्रमोहन और प्रदीप चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में हजारों लोगों की नौकरियां चली गई हैं।
हरियाणा प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर भी हरियाणा में है, जो 33.5 प्रतिशत आंकी गई है। हरियाणा के अस्पताल डाक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। भाजपा-जजपा सरकार की जन-विरोधी निर्णयों के चलते प्रदेश में पहले ही अराजकता का माहौल बना हुआ है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक छात्र-विरोधी फैसला लेकर गरीब बच्चों का डाक्टर बनने का सपना भी तोड़ दिया है।
भाजपा-जजपा सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजेज में एमबीबीएस की पढ़ाई को अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों और गरीबों की पहुंच से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में निजी मेडिकल कॉलेज में चार साल की एमबीबीएस की फीस 15 लाख से 18 लाख रुपये है, पर सरकारी मेडिकल कॉलेज में अब यह 40 लाख रुपये होगी और ब्याज सहित 55 लाख रुपये होगी। इससे प्रतीत होता है कि खट्टर सरकार गरीब विद्यार्थियों को निजी मेडिकल कॉलेजेज की तरफ धकेलना चाहती है, ताकि वह वहां दाखिला लें और निजी कॉलेज 18 लाख फीस तथा ऊपर की कमाई कर पाएं।
इस अवसर पर पूर्व मेयर उपिद्र कौर आहलुवालिया, हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता रंजीता मेहता, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सुधा भारद्वाज, पूर्व मेयर रविन्द्र रावल, प्रदेश प्रवक्ता संजीव भारद्वाज, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुषमा खन्ना, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता धनेन्द्र वालिया, पूर्व पार्षद सुभाष निषाद, शरणजीत कौर, प्रेम कुमार मलिक, सुनीता देवी, अंकुश निषाद, सोनू गोयत रैली, एडवोकेट उदित महेंदीरत्ता, अमन दत्त शर्मा, प्रवेश पैतका, कमलेश लोहाट, ज्ञान चंद पुंडीर, दलबीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
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