हरियाणा का ऐसा गांव जहां भूजल स्तर घटाने का हो रहा प्रयास
हरियाणा उत्सव, गोहाना
भूजल के गिरते स्तर को रोकने के लिए सरकार काफी प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा भूजल स्तर को सुधारने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ कई परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं। दूसरी तरफ गांव बनवासा में भूजल स्तर काफी ऊपर है, जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। गांव बनवासा में भूजल स्तर को घटाने के लिए सिचाई विभाग 30 सेलोवेल ट्यूबवेल लगाएगा। यह काम ट्यूबवेल पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगा।
गांव बनवासा में कई जगह भूजल स्तर 2 से तीन मीटर पर है। भूजल स्तर काफी ऊपर होने के चलते किसानों की फसल में नुकसान होता है। बारिश के मौसम में गांव में हजारों एकड़ में जलभराव होने से फसलें बर्बाद हो जाती हैं। भूजल भी सिचाई योग्य नहीं है। समस्या के समाधान के लिए सिचाई विभाग गांव के खेतों में 30 सेलोवेल ट्यूबवेल का एक सेट लगाएगा। ट्यूबवेल से जमीन का पानी छपरा ड्रेन में डाला जाएगा। दो एकड़ की दूरी पर एक ट्यूबवेल लगाया जाएगा। प्रत्येक पांच ट्यूबवेल पर एक पैनल बनेगा। सभी पैनल को पाइपों से पंप हाउस से जोड़ा जाएगा। पंप हाउस में जितना भी पानी एकत्रित होगा उसे ड्रेन में डाला जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होंगे। सेलोवेल ट्यूबवेल गांव बनवासा के खेतों में रिढाणा गांव की तरफ लगाए जाएंगे।
भूजल स्तर सही लेवल पर आने के बाद ही ट्यूबवेलों को हटाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि भूजल स्तर सही लेवल पर आने के बाद किसानों को फसलों में नुकसान नहीं होगा। गांव बनवासा की तरह गांव धनाना, छपरा, कैहल्पा में भी इसी तरह की समस्या है। इन गांवों के किसान कई सालों से बारिश के पानी की निकासी का उचित प्रबंध करने की मांग भी कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा है कि गांव बनवासा में अच्छे परिणाम मिलने पर दूसरे गांवों में भी इसी तरह का प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। गांव बनवासा में भूजल स्तर 2 से 3 मीटर पर है। भूजल स्तर को घटाने के लिए सेलोवेल ट्यूबवेल लगाए जाएंगे। ट्यूबवेलों से पानी ड्रेन में डाला जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 1 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होंगे।
Source- jagran.com/